भोपाल– केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर काग्रेस कई राज्यों में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रही है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में शनिवार को जवाहर चौक से राजभवन के रैली निकाल रहे थे कांग्रेसी राजभवन का घेराव का प्रयास किया.भोपाल में राजभवन की तरफ जा रहे कांग्रेसियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस के द्वारा वाटर कैनन से बौछार किया गया लेकिन इतने से भी कांग्रेसी नहीं रुके तो पुलिस को लाठी भी भाजना पड़ा। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, जयवर्धन सिंह, कुणाल चौधरी समेत करीब 20 कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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बता दें कि भी मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के समर्थन में एक विरोध रैली निकाली थी. सुबह 11:00 कांग्रेसी जवाहर चौक पर एकत्रित हुए, और राजभवन के लिए निकल पड़े। पुलिस ने इस काफिले को बीच रास्ते में ही रोकने का प्रयास किया। लेकिन जब कांग्रेसी नहीं रुके तो आंसू गैस छोड़े पानी की बौछार की और फिर डंडे भांजे। पिछले सप्ताह की रैली में शामिल रहे पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश के अधिकांश किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिला है और तीन नए कानूनों के लागू होने से कृषि क्षेत्र में संकट और बढ़ेगा. वहीं, दिग्विजय सिंह ने इन्हें “काला कानून” बताते हुए कहा कि ये पूरी तरह से किसानों के हितों के खिलाफ हैं.
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पुलिस की इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई और कहा है कि राज्य में शिवराज सिंह सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। मध्य प्रदेश कांग्रस ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज, शिवराज की तानाशाही ने ब्रिटिश राज की याद दिलाई; भोपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर शिवराज का लाठीचार्ज, अश्रुगैस और वाटर कैनन का उपयोग करना ग़ुलामी काल में अंग्रेजों द्वारा किये दमन की याद दिलाता है. शिवराज जी, आपकी उल्टी गिनती शुरू है।
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कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं किसानकेंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ डेढ महीन से ज्यादा समय से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं. वहीं11 राउंड की बातचीत के बाद सरकार और किसान संगठनों के बीच हो चुकी है. शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता बेनतीजा ही रही. किसान संगठनों ने सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज़ कर दिया जिसमें तीनों क़ानूनों के अमल पर डेढ़ साल तक की रोक लगाने और एक कमिटी का गठन कर बिंदुवार चर्चा का सुझाव दिया गया था.
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उत्तराखंड में भी पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़पउधर, उत्तराखंड में किसानों ने हरिद्वार में मार्च निकाला। किसान देहरादून में राजभवन की ओर जा रहे थे। इसी दौरान जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो दोनों के बीच झड़प हुई।
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