आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
सीधी–अक्सर बड़ी घटनाएं अपने घटने के पूर्व ही इस बात का स्पष्ट संकेत देती हैं कि यदि उनके घटने की भावी संभावनाओं को वक्त रहते नहीं सुधारा गया तो वो घटनाएं अपने आप को अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेंगी। सीधी जिले के परिपेक्ष्य में बात चाहे बाणसागर नहर में बस दुर्घटना को लेकर की जाए या फिर कल संजय टाइगर रिजर्व के बफर जोन में जंगली हाथियों के झुंड द्वारा तीन ग्रामीणों को मौत के घाट उतारने की की जाए दोनों ही घटनाओं ने अपने घटने की पूर्व ही अपने अंजाम को मौत के रूप में तब्दील करने के स्पष्ट संकेत दे रखे थे परंतु प्रशासनिक लापरवाही या अनदेखी के चलते अंततः इन घटनाओं को घटने से रोका नहीं जा सका।
हाथियों ने दो मासूमों सहित वृद्ध को पैरों से कुचला
संजय टाइगर रिजर्व रेंज के बफर जोन पोड़ी अंतर्गत ग्राम खैरी में बीती सोमवार की रात 10 बजे के करीब एक यादव परिवार के घर में हाथियों के झुंड ने हमला कर दिया जहां एक ही परिवार के 3 लोगों को पटक-पटक कर कुचल देने से तीनों की मौत हो गई।
बताते चलें कि पिछले 5 दिनों से इस क्षेत्र में आतंक का पर्याय बना हाथियों का दल कई गांवों में लोगों के घर पर हमला कर तोड़फोड़ कर रहा है। वहीं बड़े मात्रा में लगी गेहूं समेत अन्य फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। उसी के तहत 21 फरवरी को ग्राम खैरी में पप्पू सिंह के घर में हमला कर भारी नुकसान किया। 22 फरवरी को कोटा में साहू परिवार के घर में हमला कर काफी छति पहुंचाया, जहां से लोगों द्वारा इन जंगली हाथियों को हल्ला गुहार कर खदेड़ा गया तब हाथियों ने ग्राम खैरी में राम बहोर यादव के घर में हमला किया जहां अपने दो पुत्रों के साथ रह रही उसकी पत्नी ने हल्ला गुहार किया जिसे सुनकर उसके पारिवारिक रिश्ते में चाचा ससुर गोरे लाल यादव पिता सिया शरण यादव उम्र 50 वर्ष अपने दोनों पोतों को जिसमें रामप्रताप पिता राम बहोर उम्र 10 वर्ष एवं रामपाल पिता राम बहोर यादव उम्र 8 वर्ष दोनों को घर से सुरक्षित निकालने के लिए जैसे ही निकले तभी हाथियों ने उन पर हमला कर दिया और देखते ही देखते तीनों को पटक-पटक कर रौंद डाला जिससे मौके पर ही तीनों की मौत हो गई। जब तक आसपास के ग्रामीण हल्ला गुहार कर हाथियों को खदेड़ कर पीड़ित के घर पहुंचे जहां पूरा नजारा मातमी हो चुका था। 3 लोगों की मौत, वो भी एक ही परिवार में होने से जहां वन विभाग के प्रति लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया, वहीं पूरे क्षेत्र में हाथियों की दहशत से लोग भयभीत रहे।
चक्काजाम कर विरोध जताया
इस भीषण घटना के उपरांत आक्रोशित ग्रामीणों ने घटना के दूसरे आज मंगलवार 23 फरवरी को सुबह तिलवारी जनकपुर मार्ग में चक्का जाम कर विरोध जताया।
अधिकारियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग
वहीं पूरे मामले पर चक्का जाम कर रहे आक्रोशित ग्रामीण संजय टाइगर रिजर्व के आला अधिकारी एवं मैदानी कर्मचारियों को मौत का जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज करने एवं हाथियों को पूरे क्षेत्र से भगाकर भयमुक्त वातावरण बनाए जाने को लेकर दिन भर विरोध करते रहे।
टाइगर रिजर्व के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीण जहां सबसे ज्यादा संजय टाइगर रिजर्व के आला अधिकारियों पर आक्रोशित थे, उनका आरोप है कि जब 5 दिन पूर्व से इन अधिकारियों को हाथियों की आमद एवं उनके आतंक की सारी जानकारी थी फिर भी ना तो हाथियों को भगाने का प्रयास किया गया और ना ही उसका समाधान हुआ जिस कारण इतनी बड़ी घटना घटित हो गई। वहीं ये भी आरोप है कि हाथी जिस ग्राम में जाते हैं वहां की जानकारी संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को हो जाती है और उनके द्वारा बिजली विभाग को फरमान जारी कर उस पूरे क्षेत्र की लाइट कटवा दी जाती है ताकि हाथी करंट के चपेट में न आएं और उनकी मौत ना हो जबकि अंधेरा होने की वजह से ही एक ही परिवार के तीन लोगों की जान चली गई। अगर लाइट होती तो शायद घरों में हाथी आक्रमण न करते।
यही वजह है कि ग्रामीण हाथियों के दहशत से घर के बाहर आग लगाकर रतजगा करते हैं।
अन्य कर्मचारियों में भी दिखा हाथियों का भय
इस क्षेत्र के गांवों में विभिन्न विभागों में नौकरी करने वाले कर्मचारियों में भी भय का माहौल देखा गया है। जिनका कहना है कि रास्ते में आते जाते समय कहीं भी हाथियों से सामना हो सकता है और उनकी जिंदगी भी समाप्त हो सकती है जिस कारण उनका भी कहना है कि हाथियों को जल्द से जल्द यहां से भगाने का कार्य किया जाए।
चक्का जाम हटाने प्रशासन रहा विफल
एक तरफ इस घटना को लेकर जहां ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर चक्का जाम किया वहीं दूसरी तरफ प्रशासन को जैसे ही हालात की जानकारी हुई वैसे ही उपखंड अधिकारी कुसमी पुलिस प्रशासन अतिरिक्त कलेक्टर ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाइश देने का प्रयास किया, लेकिन मामला हल नहीं हुआ।
अंततः पहुंचे कलेक्टर
प्रशासनिक अमले के अधिकारियों की समझाइश का असर ना होने पर अंततः दोपहर 3 बजे के लगभग कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी, निश्चित ही बड़ा भयावह एवं दुखद घटना है साथ में हाथियों को भगाने का भी आश्वासन दिया गया लेकिन वो आगे घटनास्थल पर भी नहीं जा सके क्योंकि चक्का जाम लगा था। ग्रामीण कलेक्टर से भी मांग कर रहे थे कि संजय टाइगर रिजर्व के दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर मौके पर ही कड़ी कार्रवाई की जाए और हाथियों को भगाने के लिए मौके पर ही समय निर्धारित कर घोषणा की जाए लेकिन कलेक्टर के लिए भी इस तरह की घोषणा शायद कठिन लगी, यही वजह रही कि चक्का जाम खुलवाए बिना ही कलेक्टर को घटनास्थल तक पहुंचे बगैर ही वापस जाना पड़ा।
यात्रियों का भी रहा बुरा हाल
चक्का जाम कर मार्ग अवरुद्ध किए जाने से यात्री बसों के यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। बच्चे भी भूंख प्यास से परेशान नजर आए। किसी तरह की अप्रिय वारदात को रोकने के लिए बड़ी तादात पर पुलिस बल भी मुस्तैद रहा जहां समीपी थानों एवं जिला मुख्यालय से भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था जिससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था कायम रहे।
पूरे मामले में जहां ग्रामीणों में आक्रोश एवं भय देखा गया वहीं सामाजिक कार्यकर्ता भी मामले को लेकर संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को दोषी मान रहे थे। वो चक्का जाम को समाप्त करने के लिए भी पहल करते देखे गए। हमारे सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शाम तकरीबन 7 बजे अंततः ग्रामीणों ने चक्काजाम समाप्त कर दिया।
तीनों का नहीं कराया जा सका अंतिम संस्कार
मृतक गोरेलाल का पुत्र जो बॉम्बे में कमाने गया था और मृत दोनों किशोरों रामप्रताप एवं रामपाल के पिता राम बहोर भी कमाने के लिए मुंबई गया हुआ है जिस कारण परिवार में जिम्मेदार व्यक्ति ना होने से तीनों शवों का आज मंगलवार को अंतिम संस्कार नहीं हो सका जिससे शवों को बर्फ की सिल्ली में ढक कर रख दिया गया है। उन्हें घटना की सूचना दे दी गई है जिनके कल दोपहर तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसके उपरांत इन शवों का अंतिम संस्कार होगा।
दी गई आर्थिक सहायता
मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने इनकी अन्त्येष्टि के लिये पांच-पांच हजार रूपये की सहायता राशि तथा संकटापन्न परिवारों को दस हजार रूपये की अतिरिक्त सहायता मंजूर की गई है। कलेक्टर ने कहा कि पूरी घटना की जांच कराई जायेगी। जांच में दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। वन विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी हाथियों के मूवमेंट पर कड़ी निगरानी रखें। हाथियों के दल को आबादी क्षेत्र से वनों की ओर ले जाने के प्रयास करें। यदि हाथियों का दल बस्ती की ओर आता है तो ग्रामवासियों को समय रहते सचेत करें जिससे किसी तरह की दुर्घटना न हो सके। हाथियों का आबादी क्षेत्र में प्रवेश रोकने के लिये वन विभाग के अधिकारी कार्ययोजना तैयार करें।
दोषी अधिकारियों पर तत्काल हत्या का प्रकरण दर्ज हो: देवेंद्र
जिले के कुसमी जनपद के खैरी ग्राम में हाथियों के आतंक से एक वृद्ध सहित दो मामूम बच्चों की मौत पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिला युवा कांग्रेस सीधी के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह दादू ने इस पूरी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए लापरवाही बरतने के आरोपी संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज करनें की मांग की है। हाथियों के हमले में वृद्ध एवं मामूम बच्चों के दुखद निधन पर जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह “दादू” नें गहरा दुख व्यक्त करते हुये इस पूरे मामले का दोषी संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ठहराया है। दादू नें कहा की ये टाइगर रिजर्व एवं प्रशासन की बड़ी लापरवाही है, पिछले तीन दिन से छत्तीसगढ़ से आये एक दर्जन हाथियों के झुंड नें ददरी एवं कोटा में आतंक मचाया हुआ है और संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के अधिकारी नींद में सोते रहे, जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना घटी।