ग्वालियर – : मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के सत्कार में चूक करना एसडीएम को भारी पड़ गया. वीडी शर्मा की आव भगत में लापरवाही हुई तो ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सत्कार अधिकारी एसडीएम झांसी राेड विनाेद भार्गव को सिटी एसडीएम को तत्काल कार्यालय अटैच कर दिया. ग्वालियर सिटी एसडीएम प्रदीप तोमर को नया सत्कार अधिकारी बनाया गया है.बीजेपी नेताओं ने मुरार स्थित वीआइपी सर्किट हाउस के 3 रूम बुक करने के लिए कहा था, लेकिन जब वीडी शर्मा वहां पहुंचे तो 2 ही रूम खुले थे…
बता दें कि वीडी शर्मा शनिवार सुबह मुरार के वीआईपी सर्किट हाउस पहुंचे तो वहां उनकी आगवानी के लिए कोई अधिकारी नहीं मौजूद था. इसके बारे में पता चलने पर डबरा एसडीएम प्रदीप शर्मा मौके पर पहुंचे. बीजेपी नेताओं ने सर्किट हाउस में 3 कमरों की बुकिंग की थी. दो दिन पहले एडीएम को इस बारे में सूचित कर दिया गया था. लेकिन जब वीडी शर्मा वहां पहुंचे तो 2 ही कमरे खुले थे. डबरा एसडीएम के पहुंचने के बाद तीसरा कमरा खुला.
मिली जानकारी के अनुसार सुबह 8 बजे हुए इस घटनाक्रम के बाद ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने झांसी रोड के एसडीएम विनोद भार्गव को कार्यालय में अटैच कर उनका प्रभार एसडीएम ग्वालियर सिटी प्रदीप सिंह तोमर को सौंप दिया. इस मामले में कलेक्टर ने कहा कि वीआईपी गेस्ट के सत्कार संबंधी व्यवस्थाओं में लापरवाही होने के कारण यह बदलाव किया गया है. आपको बता दें कि वीडी शर्मा शनिवार को भाजपा के कई कार्यक्रमों में शिरकत करने ग्वालियर पहुंचे थे. इस दौरान वह मुरार वीआईपी सर्किट हाउस में ठहरे.
3 Comments
I loved as much as you will receive carried out right here. The sketch is tasteful, your authored subject matter stylish. nonetheless, you command get got an shakiness over that you wish be delivering the following. unwell unquestionably come further formerly again since exactly the same nearly very often inside case you shield this hike.
Very interesting information!Perfect just what I was looking for! “Outside of a dog, a book is man’s best friend. Inside of a dog it’s too dark to read.” by Groucho Marx.
Perfectly pent subject material, thanks for selective information. “He who establishes his argument by noise and command shows that his reason is weak.” by Michel de Montaigne.