सीधी — जिले के संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत ग्राम डेवा सहित अन्य ग्रामों में रह रहे ग्रामीणों के साथ लगभग एक दशक से पदस्थ परिक्षेत्र अधिकारी वीरभद्र सिंह परिहार वन परिक्षेत्र दुबरी एवं सहायक परिक्षेत्र अधिकारी गणेश प्रजापति, वनरक्षक शिव कुमार कुर्रे व सुरेश बैगा के द्वारा ग्रामीणों पर तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर फर्जी मुकदमों से प्रताड़ित करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा उपखंड अधिकारी कुसमी एवं कलेक्टर सीधी के समक्ष पेश करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
बता दें कि शिकायत में आरोप है कि जंगली जानवरों को किसी अन्य जंगली जानवरों द्वारा शिकार या हत्या किए जाने पर गांव के लोगों को मुजलिम बनाया जाता है जबकि मृत जानवरों के मामले में ग्राम के किसी भी व्यक्ति के समक्ष मौका पंचनामा नहीं कराया जाता है। जंगली जानवर द्वारा अगर नीलगाय या हिरण का शिकार कर घायल कर दिया जाता है तो उसे अधिनस्थ कर्मचारी चौकीदारों के माध्यम से ले जाकर उसका शिकार स्वयं खा जाते हैं और उस जानवर को मारने का आरोप ग्रामीणों के ऊपर लगाकर कूट रचित व फर्जी आधार पर प्रकरण बनाकर कोर्ट में चालान पेश करते हैं। ग्राम डेवा के समीपी ग्राम ढोंढा, कोईलारी,जमुड़ी,कुठली, बड़वाही के लोगों से लकड़ी कटाई,पशु चराई कराकर लाखों की वसूली कर लेते हैं शिकायतकर्ता ग्रामीण इसका विरोध करते हैं तो उनके ऊपर फर्जी मुकदमा कायम किया जाता है और प्रताड़ित किया जाता है।
आगे हवाला दिया गया है कि गत 28 फरवरी 2021 को एक नर चीतल को वन कुत्ता (सोनहा) के द्वारा खदेड़ कर नाका चौकी डेवा के पास 50 मीटर की दूरी में घायल अवस्था में छोड़ दिया था जिसकी आधा घंटे बाद मौत हो गई जिसकी लास वन कर्मचारियों ने चौकी नाका के अंदर ले गए और वहां पर बीट गार्ड एवं सहायक परिक्षेत्र अधिकारी एवं उनके चौकीदारों के सहयोग से कुछ मांस काट कर ले लिया गया और बाकी कैंपर वाहन में रखकर आधी रात को कहीं दूसरे जगह ले गए जिसकी जानकारी चौकीदार भारत प्रसाद पनिका से अध्यक्ष ई को विकास समिति बृजेश यादव को मिली जिनके द्वारा ग्रामीणों के समक्ष यह जानकारी दी गई।
इस मामले को लेकर जब रावेंद्र यादव द्वारा रेंजर वीरभद्र सिंह परिहार को अवगत कराया गया तब शिकायत कर्ताओं की माने तो रेंजर द्वारा दोनों बीट गार्ड शिव कुमार कुर्रे एवं सुरेश बैगा से 10-10 हजार रुपये की वसूली किए जाने के बाद कहा कि सहायक परिक्षेत्र अधिकारी गणेश प्रजापति से भी बोल देना कि ₹10 हजार जल्दी दे देगा नहीं तो सभी की नौकरी खत्म कर दूंगा। वहीं इसी मामले को रावेंद्र यादव और ग्रामीणों द्वारा ज्यादा तूल न दिया जाए जिस कारण बरसों पुराने प्रकरण में रावेंद्र यादव को आरोपी बना कर न्यायालय में चालान पेश कर दिया गया। मामले में सबसे अहम पहलू यह है कि जिसको रेंजर द्वारा आरोपी बनाया गया है वह व्यक्ति बरसों से विद्यालय में अतिथि शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा है जिसे एक तरफ फरारी दर्शाकर दूसरी तरफ षडयंत्र पूर्वक चालान पेश कर उसे बुलाकर न्यायालय के समक्ष पेश भी कर दिया गया लेकिन न्यायालय की संवेदनशीलता के चलते जहां न्यायालय ने रेंजर द्वारा तैयार प्रकरण को सत्य से परे मानकर पुनःनए सिरे से जांच करने के लिए आदेशित किया गया वहीं रेंजर को फटकार भी लगाई गई है।
इस प्रकार लोगों के साथ आए दिन अत्याचार किया जाना रेंजर एवं उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के लिए आम बात हो गई है जिसको लेकर ग्रामीणों ने ऐसे सभी मामलों की जांच एवं वन कर्मियों के अत्याचार की जांच कराकर फर्जी मुकदमा से बचाए जाने को लेकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई गई है। कमोबेश इसी तरह का शिकायत उपखंड अधिकारी कुसमी के पास भी पेश की गई है।
बताते चलें कि इसके पहले पीड़ित एवं प्रभावित ग्रामीणों द्वारा संयुक्त रुप से बैठक कर इस मामले को लेकर विचार विमर्श किया गया और निर्णय लिया गया कि वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के पूरे कारगुजारी को लेकर लिखित शिकायत उपखंड अधिकारी कुसमी एवं कलेक्टर सीधी के समक्ष सामूहिक रूप से की जाए अगर वहां से हम लोगों को न्याय नहीं मिलता है और समस्या का समाधान नहीं होता है तब आगे की रणनीति तय की जाएगी उसी के तहत शिकायत की गई है अब देखना है कि उपखंड अधिकारी एवं कलेक्टर सीधी ग्रामीणों के साथ हो रहे लूट और अत्याचार को लेकर कितने गंभीर हैं और कैसी कार्यवाही की जाती है और पीड़ित ग्रामीणों को कब तक में न्याय मिल पाता है।
उपखंड अधिकारी ने रेंजर एवं अधीनस्थ कर्मियों को किया तलब
ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उपखंड अधिकारी कुसमी द्वारा रेंजर वीरभद्र सिंह परिहार को नोटिस जारी करते हुए आगामी 25 मार्च को दोपहर 12 बजे कार्यालय में प्रतिवेदन के साथ उपस्थित होने को कहा गया है वहीं साथ में सहायक परिक्षेत्र अधिकारी गणेश प्रजापति एवं वनरक्षक शिव कुमार कुर्रे एवं सुरेश बैगा को भी कथन के लिए उपस्थित होने को कहा गया है।
इनका कहना है
ग्रामीणों के साथ बैठक कर पूरे मामलों पर विचार विमर्श किया गया इसके बाद उपखंड अधिकारी कुसमी एवं कलेक्टर सीधी को तमाम बिंदुओं का उल्लेख कर सामूहिक रूप से लिखित शिकायत पेश किया हूं और मांग किया हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और हम ग्रामीणों को शोषण एवं भय मुक्त वातावरण दिया जाए और फर्जी मुकदमों से निजात दिलाई जाए।रावेंद्र यादव शिकायतकर्ता एवं पीड़ित, ग्राम डेवा
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