जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर की सराहना कहा जनहित में उठाया हुआ कदम
सागर — प्रदेशभर के साथ-साथ सागर जिले में भी 60 घंटे की lock-down के दौरान नगरी निकाय क्षेत्र में शराब दुकानें बंद रहेंगी कलेक्टर दीपक सिंह ने शराब दुकान बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं इस आदेश के बाद जहां शराबियों में मायूसी दिखी तो वहीं आम लोगों सहित जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर के इस आदेश की सराहना की है जनप्रतिनिधियों ने इसे जनहित में उठाया हुआ कदम बताया है।
मिली जानकारी के मुताबिक कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते सागर जिले में भी 9 अप्रैल की शाम 6:00 बजे से 12 अप्रैल की सुबह 6:00 बजे तक 60 घंटे का लॉकडाउन किया गया है इस दौरान अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सामान आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है साथ ही साथ इस बात की शक्ति के साथ व्यवस्था की जा रही है कि लोग बिना जरूरी काम के घर से बाहर ना निकले ताकि कोरोना संक्रमण पर काबू पाया जा सके सरकार की ओर से शराब की दुकानों के संबंध में कोई स्पष्ट आदेश नहीं है। इसीलिए कलेक्टर दीपक सिंह ने शासन द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले के सभी नगरी निकायों में 10 और 11 अप्रैल को शराब भाग सहित सभी नशे से संबंधित दुकान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 248 में कलेक्टर को अधिकार दिए गए हैं जो अपने क्षेत्रों की देसी अब विदेशी शराब और भाग की फुटकर बिक्री की दुकानों को या अन्य महिला मदिरा केंद्रों को बंद रख सकते हैं कलेक्टर दीपक सिंह ने अपने इन्हीं शक्तियों का प्रयोग किया है और शराब की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया है आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी ने आदेश की अवहेलना की तो उसके खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी और आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
इसके पहले ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह जी इस तरह का आदेश दे चुके हैं अब सागर कलेक्टर के आदेश के बाद सागर के जनप्रतिनिधियों सहित आम जनता में भी इस आदेश की तारीफ की जा रही है क्योंकि अमूमन यह देखने में आता था कि सामान्य जनजीवन पर लॉक डाउन को व्यापक असर पड़ने के बाद भी शराब की दुकानें खुली रहती थी जो कहीं ना कहीं आलोचना का विषय बनती थी। वैसे भी कहा जाता है कि कोरोना और शराब का 36 का आंकड़ा है कोरोना से फेफड़े संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है तो वही शराब पीने से भी फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है ऐसे में कलेक्टर का यह निर्णय लोगों के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डाला है।