मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के ग्राम नाहरगढ़ की यह तस्वीरें कलेजे को चित्कार देने वाली घटना सामने आई है । एक न कीचड़ से सनी कचरे के ढेर में बिलखती इस बच्ची की चीखें सुन किसी का भी कालेज करुणा से फट जाएगा । लेकिन एक निर्दयी माँ का दिल उस वक्त तक नही पसीजा जब उसने अपनी नन्ही सी जान को जिंदा ही मारने के लिए एक पुलिया के नीचे पत्थरो में दबा दिया । घटना मन्दसौर जिले के ग्राम नाहरगढ़ की है जहां शुक्रवार की शाम सड़क पर बनी पुलिया के नीचे कचरे और पत्थरों में दबी एक नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनाया दी ।
बता दें की स्थानीय लोगों ने मासूम की रोने की आवाज सुनी तो खोजते हुए कचरे के ढेर के पास पहुंचे तो वहां कचरे और पत्थरों को हटाकर देखा तो एक नवजात मासूम बच्ची जीवित अवस्था मे जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही थी । लोगो ने तुरंत नाहरगढ़ थाना पुलिस को सूचना दी । मौके पर पहुची पुलिस ने स्थानीय युवाओं की सहायता से बाइक के सहारे नवजात बच्ची को स्वस्थ्य केंद्र ले जाया गया । यंहा भी बच्ची की किस्मत देखिए कि स्वस्थ्य केंद्र पर एक भी नर्स नही मौजूद नही मिली । किसी तरह बच्ची को एम्बुलेंस की सहायता से जिला अस्पताल मन्दसौर भिजवाया गया । हालांकि जिला अस्पताल के बेबी आईसीयू यूनिट में बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है । बच्ची का वजन भी 2 किलो है । हालांकि कीचड़ और कचरे के इंफेक्शन की वजह बच्ची को ऑब्जर्वेशन पर रखा गया है । नवजात बच्चियों को जिंदा दफन करने का जिले में यह पहला मामला नही है । लेकिन जब जब भी नवजात बच्चियों को जिंदा दफन किया है तब तब ये बच्चियां मौत से लड़कर जिंदगी की जंग जीती है । लेकिन सवाल उस निर्दयी माँ का है जिसने अपने कलेजे के टुकड़े यूं मरने के लिए छोड़ दिया । दुनिया चाँद पर जा रही है विज्ञान रोक नई तकनीक ईजाद कर रहा है और हमारा समाज आज भी उस दौर में जी रहा है जहा अब भी बेटियां अभिशाप नजर आती है ।