ऑनलाइन होगी सड़क दुर्घटनाओ की मॉनिटरिंग
सीधी — देश में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार ने डिजिटल तकनीकी का सहारा लिया है, इसके लिए मंत्रालय ने एनआईसी की मदद से आईआरएडी एप्लीकेशन लांच किया गया। अभी इसमे पुलिस विभाग को आईआरएडी प्रोजेक्ट मे कार्य करने हेतु प्रशिक्षित किया जा रहा है।
सीधी जिले मे पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत द्वारा आईआरएडी के क्रियान्वयन हेतु नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले को नियुक्त किया है। सीधी एसपी पंकज कुमावत ने इस प्रोजेक्ट के संबंध मे जानकारी देते हुए बताया है कि आईआरएडी को देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और इसके पीछे के कारणों का विश्लेषण करने हेतु देश के प्रमुख 6 राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा तमिलनाडू में पायलट आधार पर लागू किया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में प्रदेश के सभी 52 जिलों में इसे सफलता पूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है और मध्य प्रदेश सड़क दुर्घटनाओं को दर्ज करने मे शीर्ष स्थान पर है।
एसपी श्री कुमावत ने बताया है कि जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले एवं टी आई ट्रैफिक थाना कल्याणी पाल के नेतृत्व में 4 जून तक जिले में हुई 110 सड़क दुर्घटनाओं को सभी थानो से दर्ज कराया जा चुका है और शत प्रतिशत दुर्घटनाओं की एंट्री आईआरएडी की मदद से की जा रही है। जिससे दुर्घटना के संभावित कारणों का पता लगाया जा सके और उनके रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जा सके।
इसके संबंध में एनआईसी के अधिकारी धीरेन्द्र राजपूत जिला सूचना विज्ञान अधिकारी व इस प्रोजेक्ट में प्रशिक्षण एवं तकनीकी संचालन की जिम्मेदारी निभा रहे जिला रोल आउट प्रबंधक आशुतोष सिंह द्वारा बताया गया कि जिले के थानों को इस एप्लीकेशन के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं को दर्ज करने का प्रशिक्षण आईआरएडी वर्जन 2.0.4 मोबाईल व वेब एप्लीकेशन पर दिया जा चुका है।
श्री सिंह ने बताया कि सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए इस एप्लीकेशन से दुर्घटनाओं का डाटाबेस तैयार किया जायेगा। जिले में कही भी सड़क दुर्घटना होने पर उसकी जानकारी जैसे दुर्घटना दिनांक, समय, स्थान का नाम, दुर्घटना स्थल के आसपास की जगह व हादसे होने के संभावित कारण सहित अन्य जानकारी संग्रहीत की जाएगी। इससे किन स्थानों व किन कारणों से सड़क दुर्घटना बार-बार हो रही है उसके बारे में जानकारी निकालने मे पुलिस विभाग को काफी आसानी होगी और साथ ही साथ सड़क हादसों को कम कराने के उपाय खोजने मे मदद मिलेगी। इस एप्लीकेशन के माध्यम से पूरे देश मे एक नेशनल इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस ( आईआरएडी ) तैयार किया जाएगा और किसी सड़क दुर्घटना में मृत या घायल होने व्यक्तियों का सम्पूर्ण डाटा व दुर्घटना से सम्बन्धित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी तस्वीर, वीडियो सुरक्षित रहेंगी।