बडग़ड़ गांव के निमरी टोला में नहीं पहुंची बिजली
70 साल बाद सवा सौ घरों में नहीं पहुंची बिजली, मामला चितरंगी ब्लाक के कतरिहार पंचायत का
सिंगरौली 12 जुलाई। हर घर बिजली कनेक्शन सौभाग्य योजना के दावों की पोल खोलती यह तस्वीर सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रही है दरअसल चितरंगी ब्लाक के बडग़ड़ गांव स्थित निमरी टोला के करीब सवा सौ घरों में बिजली नहीं पहुंच पायी है। लिहाजा यहां के आदिवासी ग्रामीणों को अंधेरे में ही गुजर बसर करना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक चितरंगी तहसील के दूरस्थ अंचल कतरिहार पंचायत क्षेत्रांतर्गत बडग़ड़ गांव स्थित निमरी टोला में देश के आजादी के 70 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंची है। इस टोले की आबादी करीब हजार से कम नहीं है। तो वहीं घरों की संख्या सैकड़ा पार है। यहां के ग्रामीण बताते हैं कि पंचायत की लापरवाही के चलते निमरी टोला बिजली सुविधा से वंचित है। तो वहीं यह भी बताया जा रहा है कि निमरी टोला में अधिकांशत: आदिवासी तबका निवासरत है। भोले-भाले आदिवासी कम पढ़े लिखे होने के कारण अपनी समस्या जनप्रतिनिधि विधायक, सांसद तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। लिहाजा 70 साल बाद भी उक्त टोला बिजली सुविधा से वंचित है।
फिलहाल निमरी टोला में बिजली सुविधा न होने के कारण यहां के भोले-भाले आदिवासियों को मोबाइल में भी रिचार्ज कराना है तो 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलकर कतरिहार या सीमावर्ती पंचायत बगैया के गांव में जाना पड़ता है। यहां के ग्रामीणों ने सांसद, विधायक, कलेक्टर एवं कार्यपालन अभियंता, अधीक्षण अभियंता एमपीईबी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सौभाग्य योजना के तहत गांव को बिजली से रोशन कराये जाने की मांग की है।
सौभाग्य योजना का भी नहीं मिला लाभ
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रथम कार्यकाल में टोला, गांव, मझरे टोला व घर-घर बिजली पहुंचाने के लिए सौभाग्य योजना आरंभ हुई थी। किन्तु सौभाग्य योजना में भी उक्त गांव का टोला बिजली से वंचित रहा है। इसके पीछे ग्रामीण यही बता रहे हैं कि पंचायत के द्वारा संभवत: सर्वे नहीं कराया गया। जिसके कारण आज भी यह गांव बिजली सुविधा से वंचित है।
साहब हमारे गांव में बिजली नहीं
बडग़ड़ गांव के निमरी टोला निवासी दादूराम पनिका बताते हैं कि आस-पास के गांव पंचायतों में बिजली जगमगाती रहती है। मोबाइल भी चार्ज करना है तो दो से तीन किलोमीटर दूसरे गांव व पंचायत में जाना पड़ता है। यदि सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुंची होती तो शायद उक्त टोला भी उजाला हो गया होता। सवा सौ से अधिक घर हैं हजार के आस-पास आबादी है फिर भी बिजली के खंभे तक नहीं गड़े। चुनाव के वक्त ग्रामीणों को तरह-तरह के आश्वासन दिया जाता है, किन्तु चुनाव संपन्न होने के बाद वायदे को पूरा करने कोई आगे नहीं आता। वैसे भी यह क्षेत्र बीजेपी का गढ़ माना जाता है।
इनका कहना है
ऐसे गांव व टोलों का सर्वे किया जा रहा है कोई भी घर बिजली से वंचित न हो सूची तैयार की जा रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत जो घर बने हैं वहां भी बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हैं। ऐसे जिन घरों में बिजली नहीं पहुंची है वहां भी बिजली के कनेक्शन कराये जायेंगे।
अवनीश सिंह
कार्यपालन अभियंता, एमपीईबी ग्रामीण सिंगरौली