रायसेन– मध्य प्रदेश में मानसून ने भले ही दस्तक दे दी हो लेकिन अब भी पानी की दरकार आम लोगों को है जिसमें किसान वर्ग काफी खासा परेशान नजर आ रहा है। वही रायसेन में भी बारिश के लिए अलग-अलग टोटके किए जा रहे हैं। ऐसा ही अनोखा टोटका रायसेन के वार्ड नंबर 18 के क्षेत्र में देखने को मिला। जहां मोगिया आदिवासी समाज ने मेंढक मेंढकी की शादी कराने का टोटका किया गया टोटका पूरा होते ही झमाझम बारिश शुरू हो गई इस दौरान मोगिया आदिवासी समाज मेंढकी रानी पानी दो,पानी की वर्षा करो के नारे लगाए। वर्षों पुरानी मोगिया आदिवासी समाज की परंपरा आज भी चली आ रही है।
बता दें की बिगत एक माह से बारिश नही होने से परेशान किसानों और आमजन की परेशानी को लेकर अच्छी वारिस की कामना करते हुऐ मोगिया आदिवासी समाज के लोगों ने मेंढक और मेंढकी की टोटका शादी कराई। कहते है की इस टोटके से अच्छी वारिस होती हैं और हुआ भी यही जैसे ही आदिवासी मोगिया समाज ने मेंढक और मेंढकी की शादी कराई तत्काल ही इंद्रदेव खुश हुए और जमकर झमाझम बारिश हुई जिससे आदिवासी समाज की यह प्रथा को बल मिला। यही वजह है कि आज भी मोगिया आदिवासी समाज के लोग पूर्वजों की रूढिवादी पुरानी परंपरा का निर्वाहन करते आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि काफी दिनों से पानी नहीं गिर रहा था जहां आदिवासी मोगिया समाज के लोगों ने मेंढक-मेढ़की को झाड़ पर बिठाकर पहले शादी कराई फिर ढोल धमाके के साथ बारात निकालते हुए पूरे मोहल्ले में घुमाया गया। वही सबसे मजेदार बात यह रही कि जैसे ही मेंढक मेढ़की की शादी हुई तो तेज बारिश शुरू हो गई जहॉ मोगिया समाज के लोगों ने बारिश का आनंद लिया।
नीम की पत्तियों की डालियों झोरे को मुंसर पर बांध कर उसमें मेंढक मेंढकी को बैठाया जाता है। ग्रामीण घर घर जाकर आटा,दाल,नमक,मिर्ची,हल्दी,धनिया सहित खाने का पूरा सामान मोगिया आदिवासी समाज के लोगों के घर घर जाकर मॉगा जाता है। युवा बच्चों के द्वारा मांग की जाती है मेंढकी रानी पानी दो पानी की वर्षा करों।
दिन भर रस्म आदायगी चलती रहती और शाम को कुल देवी मंदिर पर जाकर पूजापाठ की जाती है। दाल बाटी बनाकर मोगिया आदिवासी समाज का भंडारा किया जाता है मेंढक मेढ़की को वनछोड़ के तालाब में विश्राम के लिए छोड़ दिया जाता है।