डही । धार जिले से हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है आस्था के नाम पर लोगों को इस कदर विश्वास हो गया है कि वह आत्मा लेने ही पहुंच जाते हैं। लोगों की यह आस्था कई सवाल खड़े करती है। आस्था के नाम पर अंधविश्वास का यह खेल लंबे समय से चला आ रहा है दरअसल आदिवासियों में ऐसी मान्यता है कि जिस जगह किसी व्यक्ति की दुर्घटना अकाल मृत्यु हो जाती है तो उसकी आत्मा उसी जगह भटकती रहती है भटकती आत्मा को शांति मिले इसके लिए उसी स्थान पर जहां उसकी अकाल मृत्यु हुई है पूजा पाठ की जाती है इस अंतिम कर्मकांड को ही जीवन लेने जाना है कहा जाता है ।
गौरतलब है कि यह नजारा शनिवार को क्षेत्र के ग्राम पड़ियाल व सुसारी के मध्य स्थित मुख्य सड़क किनारे का। यहां 100 से अधिक संख्या में महिला-पुरुष काफी देर से पूजा पाठ कर रहे थे। भीड़ में शामिल हरेसिंह व मोतेसिंह ने कहा कि मृत व्यक्ति की जीव (आत्मा) को लेने आए हैं। मान्यता अनुसार पूजा-पाठ व अन्य रस्म करने से जिस स्थान पर मृत व्यक्ति की आत्मा निकली थी, वह अब यहां नहीं भटकेगी व उसे शांति मिलेगी। आत्मा मृत व्यक्ति के घर पहुंचेगी। फिर दो दिन बाद सोमवार को मृत्यु भोज की रस्म की जाएगी।
बता दें कि करीब 10 दिन पहले धार जिले के एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी, उस जगह आलीराजपुर जिले के 100 से अधिक लोग 40 किलोमीटर दूर से उसकी आत्मा को लेने पहुंचे। ग्राम के बड़वा (तांत्रिक क्रियाओं का जानकार) की उपस्थिति में एक घंटे तक दुर्घटना स्थल पर पूजा पाठ की गई। अब सोमवार को इस मृत व्यक्ति के गांव में मृत्यु भोज की रस्म निभाई जाएगी। आदिवासियों की मान्यता है कि आत्मा को ले जाने से मृत आत्मा को शांति मिलती है।
मौके पर मौजूद हरेसिंह ने बताया कि दस दिन पहले ट्रैक्टर की टक्कर से बाइक सवार गेमा पुत्र दखनसिंह की यहां मौत हो गई थी। वह 40 किमी दूर ग्राम कुकलट (आलीराजपुर जिला) का रहने वाला था। कुकलट से डही होते हुए कुक्षी जा रहा था, उसी दौरान हुए हादसे का शिकार हो गया और उसकी मौत हो गई। अब गांव के महिला पुरुष सहित करीब 100 लोग, स्वजन व रिश्तेदार घटनास्थल पर उसकी जीव को लेने आए हैं। धार अलीराजपुर झाबुआ जिले के आदिवासी इलाकों में यह अनोखी रस्म को निभाने की परंपरा 10 को से चली आ रही है इस परंपरा के अनुसार जिस जगह किसी व्यक्ति की असमय मृत्यु हो जाती है तो आदिवासियों की मान्यता है कि आत्मा की शांति के लिए उसी स्थान पर पूजा पाठ की जानी चाहिए जिससे आत्मा को शांति मिल सके इससे जीवन लेने जाने कहा जाता है।