टीकमगढ़ — मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में किसानों के साथ धोखा हुआ है। किसानों को अमानक कीटनाशक दवाई बेचने का मामला सामने आया है। खेतों में कीटनाशक छिड़काव करने के बाद भी खरपतवार उग रही है। अमानक कीटनाशक दबाओं की बिक्री से किसान परेशान है। किसानों ने गाय भैस बेचकर और साहूकारों से कर्ज लेकर कीटनाशक दवाई खरीदी थी। लेकिन अब इतना दवाई का असर नहीं होने पर खेतों से खरपतवार खत्म नहीं हुए हैं। ऐसे में अब किसानों की कमाई का एक ही जरिया खेती अब घाटे में हो गया है। इस मामले में जहां किसान दुकानदार को दोषी ठहरा रहे है वही कृषि विभाग के अधिकारी दुकानदारों का पक्ष करते हुये कह रहे है कि किसानों को मौसम के हिसाब से दवा का छिड़काव करना चाहिये।
दरअसल किसान अपने खेतों में उगने वाली खरपतवार को नष्ट करने के लिये कृषि विभाग व उनके वैज्ञानिकों की सलाह पर बाजार से ऊंची कीमतों में कीटनाशक दवाएं खरीदकर खेतों में छिड़काव करता है, और ऐसा टीकमगढ़ के किसानों ने किया भी, जहां अपनी फसल को खरपतवार से बचाने के लिए पैसों के अभाव में कुछ किसानों ने अपनी गाय भैंस और साहूकारों से कर्जा लेकर बाजार की अधिकृत दुकानों से कीटनाशक दवाएं खरीदकर फसलों में छिड़काव किया, लेकिन दवा के छिड़काव करने के बाद भी खेतों में खरपतवार उग रही है।वही इस पूरे मामले में कृषि विभाग के अधिकारी दुकानदारों का पक्ष करते हुये नजर आए, उनका कहना है कि किसानों को मौसम के हिसाब से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना चाहिए, क्योंकि दवा के छिड़काव के बाद पानी बरसने से दवा पानी में बह जाती है।