सिंगरौली – देवसर एसडीएम आकाश सिंह रेत माफिया व थाना प्रभारी नेहरू सिंह खंडाते के मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं! जी हां एसडीएम प्रभार लेने के बाद लगातार रेत माफियाओं के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। जिसके बाद थाना प्रभारी की नींद चैन उड़ गई है। सपने में भी उन्हें अब एसडीएम आकाश सिंह नजर आने लगे हैं इसके पीछे वजह देवसर क्षेत्र में रेत का अवैध कारोबार है । दरअसल एसडीएम द्वारा जियावन थाना क्षेत्र अंतर्गत रेत माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही की जा रही थी। रविवार रात एक बार फिर अवैध रेत के उत्खनन व परिवहन मे लगे तीन ट्रैक्टर को जप्त किया गया है जबकि भारी मात्रा में रेत के भंडार को भी जब्त किया है। एसडीएम की इस कार्यवाही के से रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है।
बता दें कि रेत माफियाओं के द्वारा ढोंगा शा. हाई स्कूल के समीप अवैध रेत का भारी मात्रा में भंडारण क्या हुआ था जिस किसी का है मिलने के बाद एसडीएम ने छापामार कार्यवाही कर जप्त किया है। जिसके बाद रेत के अवैध कारोबारियों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है.बताया जा रहा है कि जियावन क्षेत्र अंतर्गत रेत लोड बिना नम्बर के तीन ट्रैक्टरों से संबंधित कागजात नहीं पाए जाने पर जब्त कर खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है और उन्हें थाना जियावन में खड़ा कराया गया है। सूत्र तो बताते हैं कि थाना प्रभारी को हर माह 10 लाख रुपए की मोटी रकम समय पर पहुंच जाती है यही वजह है कि वह इन माफियाओं के सामने नतमस्तक हैं।
थाना प्रभारी व बालू माफियाओं में सांठगांठ
एसडीम की इस कार्यवाही के बाद एक बार फिर जियावन थाना प्रभारी नेहरू सिंह खंडाते पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर जब एसडीएम आकाश सिंह आए दिन बालू के अवैध कारोबारियों पर कार्यवाही कर रहे हैं लेकिन पुलिस को यह अवैध खनन क्यों नहीं दिख रहा। बुद्धिजीवियों का कहना है कि देवसर में अवैध खनन एक बड़ा कारोबार बन गया है। राजनीति पर मजबूत पकड़ रखने वाले नेता, बालू माफिया, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले तत्व, थाना प्रभारी से लेकर अधिकारी तक एक मजबूत गठबंधन के सहारे इस अवैध कारोबार को चला रहे हैं।
खनकते चांदी के सिक्कों की खनक पर कानून बेमतलब
दूसरी ओर यदि कोई किसान, मजदूर या जरुरतमंद अपने घर के लिए अपने या किसी अपने करीबी व्यक्ति के खेत से एक ट्राली मिट्टी भी लाने का प्रयास करता पाया जाता है तो खाकी को कानून याद आता है। ट्रैक्टर-ट्राली और मिट्टी थाने में बंद कर अवैध खनन का मामला बना दिया जाता है। इसमें खनन व पुलिस महकमा बहुत सक्रिय हो जाता हैं। खनन प्रकरण में जुर्माना वसूला जाता है। थाना प्रभारी गरीबों पर कहर बरपाने में जरा भी समय नहीं लेते। लेकिन खनन माफियाओं के द्वारा आप आसानी से जितनी चाहे रेत या मिट्टी मंगवा लें। कोई नहीं रोकने वाला। यह अलग बात है कि आपको उसकी कीमत बहुत अधिक देनी पड़ती है। खनकते चांदी के सिक्कों की खनक कानून को ही बेमतलब कर देती है।