सीधी — पंचायतों मेें किस कदर भ्रष्टाचार हावी है यह देखने की जहमत कोई नही उठा पा रहे है। सरपंच,सचिव व उपयंत्री मिलकर प्रतिवर्ष करोड़ों का वारा न्यारा कागजों में निर्माण कार्य दिखा कर रहे है। कुछ ऐसा ही मामला रामपुर नैकिन जनपद के ग्राम पंचायत गुजरेड़ का सामने आया था। जहां शिकायतकर्ता द्वारा हाईकोर्ट तक गुहार लगाई गई लेकिन यहां के जिम्मेदार अधिकारी हाईकोर्ट व कलेक्टर के आदेश को मानने से इंकार कर दिये।
आपको बता दें कि न्यायालय कलेक्टर सीधी प्रकरण क्रमांक-36/वी-121/14-15 उमेश कुमार तिवारी विरूद्ध रामसुजान द्विवेदी तत्कालीन सरपंच ग्राम पंचायत गुजरेड़,लोकनाथ शर्मा तत्कालीन सचिव गुजरेड़,छोटेलाल सिंह वर्तमान सरपंच ग्राम पंचायत गुजरेड़ एवं संतोष सिंह सचिव ग्राम पंचायत गुजरेड़ में 3 जून 2016 को यह आदेशित किया गया कि पैरा 09,(1),(3),(4),(7) में अंकित विवेचनानुसार सम्पूर्ण राशि निर्धारित व्याज अनुसार चक्रबृद्धि ब्याज सहित एवं 09(5) में अंकित आहरित राशि की 02 वर्ष की ब्याज तथा 09(3) में अंकित आहरित राशि दिनांक से पोस्ट आफिस में जमा करने की दिनांक तक की व्याज की राशि रामसुजान द्विवेदी तत्कालीन सरपंच एवं लोकनाथ शर्मा तत्कालीन सचिव ग्राम पंचायत गुजरेड़ से वसूल किये जाने आदेशित किया गया था। तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ द्वारा पत्र रामपुर नैकिन जनपद में भेजकर निर्देशित किया गया था कि वसूली योग्य 3 दिवस के अंदर निर्धारित कर भू राजस्व बकाया की भांति वसूली की कार्रवाई की जाये। वहीं तत्कालीन सरपंच व सचिव के विरूद्ध संबंधित थाना में एफआईआर दर्ज करावें।
वर्तमान सरपंच एवं सचिव द्वारा किचन शेड पूर्ण कराने में अभी तक कोई रूचि नही ली गई है। अत: मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रामपुर नैकिन उसे पूर्ण करवायें अन्यथा कार्रवाई हेतु उपखंड अधिकारी चुरहट रामपुर नैकिन को भेजे एवं तत्कालीन सरपंच के विरूद्ध पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम-1993 के तहत 6 वर्ष के लिए निरर्ह करने की कार्रवाई भी करें साथ ही रजिस्टार उच्च न्यायालय जबलपुर को पृथक से सूचना भेजी जावे।
कौन सुने फरियादियों की पुकार जिले में फरियादी चीख मार-मार कर कह रहे है इन दोषी व भ्रष्टकर्मियों की फरियाद आखिर कौन सुनेगा। जब हाईकोर्ट,तत्कालीन कलेक्टर व तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ ने राशि वसूली एवं एफआईआर के निर्देश दे दिए थे। लेकिन चार साल बीत गए लेकिन दोषियों पर कार्रवाई नही हो सकी। कार्रवाई न हो पाने से लगातार सरपंच,सचिव एवं उपयंत्रियों का मनोबल बढ़ रहा है।
इनका कहना हमारे द्वारा जनपद से लेकर जिला स्तर पर कार्रवाई की गई थी। लेकिन यहां कोई कार्रवाई न हो पाने के कारण मैने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट के निर्देश पर तत्कालीन कलेक्टर द्वारा पूरे मामले की जांच कराई गई जहां सरपंच व सचिव दोषी पाये गए थे। जिस पर तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ द्वारा दोषियों से राशि वसूली एवं एफआईआर के निर्देश दिए थे। लेकिन आज दिनांक तक कोई भी कार्रवाई नही हो सकी है। तब मैने थक हारकर सीएम हेल्पलाईन में शिकायत दर्ज कराई है जिसका नंबर 14465136 है। लेकिन सीएम हेल्पलाईन का भी कोई असर नही है। उमेश कुमार तिवारी,शिकायतकर्ता