सम्राट मिहिर भोज गुर्जर थे या राजपूत ?
ग्वालियर — सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा यूपी के बाद एमपी पर विवादों मे घिरता नजर आ रहा है.पहले गौतम बुद्ध नगर के दादरी में 22 सितम्बर को बालिका इंटर कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने विवाद शुरू तब हुआ जब शिलापट्ट पर पर लिखे ‘गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज’ पर ‘गुर्जर’ शब्द पर किसी ने कालिख पोत दी.घटना को लेकर राजपूतों और गुर्जरों के बीच तनाव पैदा हो गया।
बता दे कि ग्वालियर में चिरवाई नाके के पास स्थापित की गई राजा मिहिर भोज की प्रतिमा से जाति विशेष का नाम हटाए जाने के दौरान हुई झड़प में पुलिस ने करीब 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में वीडियोग्राफी कराई गई थी ।इसके आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। दरअसल शहर के शिवपुरी लिंक रोड पर राजा मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर राजपूत और गुर्जर समाज के लोगों में विवाद हो गया था। दोनों ही समाज राजा मिहिर भोज को अपने समुदाय का होने का दावा कर रहे हैं। हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में निर्देश दिए गए थे कि फिलहाल राजा मिहिर भोज की प्रतिमा की पट्टिका से जाति विशेष का नाम ढंक दिया जाए।
संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद हाईकोर्ट अपना कोई फैसला सुनाएगा। उसके बाद ही यह तय किया जा सकेगा कि राजा मिहिर भोज की प्रतिमा की पट्टिका पर क्या लिखा जाना है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी जब गुर्जर सम्राट मिहिर भोज का नाम पट्टिका से ढंक रहे थे उसी दौरान समाज के कुछ युवा वहां पहुंच गए और उन्होंने ना सिर्फ चक्का जाम किया बल्कि कर्मचारियों के ऊपर पथराव भी कर दिया ।इसके बाद पुलिस को भी हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। बाद में कुछ बुजुर्ग लोगों की समझाइश पर समाज के दोनों पक्ष कोर्ट के निर्णय तक पट्टिका को पूरी तरह से ढंकने के लिए राजी हो गए। अब प्रतिमा पूरी तरह से पुलिस के कब्जे में है पुलिस के करीब 20 जवान वहां 24 घंटे के लिए तैनात किए गए हैं। फिलहाल जिला प्रशासन ने वहां किसी भी तरह का तनाव होने से इनकार किया है लेकिन उसने स्थिति पर बराबर निगाह रखे जाने की बात कही है।