एमपी यूँ ही अज़ब और गज़ब नहीं है…देवास के एक डिप्टी कलेक्टर साहब घर पर नहीं थे,चोरों ने उनके ओहदे को जानते हुए उनके बंगले पर धावा बोला..उनकी क़िस्मत ख़राब थी डिप्टी कलेक्टर साहब के बंगले से उन्हें कुछ नहीं मिला..चोर खीझते हुए ये चिट्ठी चिपका गए कि “जब कुछ था ही नहीं तो घर लॉक क्यों किया था कलेक्टर साहब” अब इसके कितने मायने निकल सकते हैं ज़रा गौर फरमाइए…
1- डिप्टी कलेक्टर साहब बेहद ईमानदार टाइप अधिकारी हैं
2-डिप्टी कलेक्टर साहब की संपत्ति कहीं और सुरक्षित है
3-चोरों का सूचना तंत्र बहुत लचर था
4- जब डिप्टी कलेक्टर जैसे अधिकारी को चोर नहीं छोड़ते, तो उनके दुस्साहस की सीमा क्या होगी
5- क्या ये घटना देवास एसपी और कलेक्टर के लिए शर्मनाक नहीं है
6- प्रशासन अब लोगों के मन में सुरक्षा का भाव किस मुंह से जगाएगा..
जो भी हो चोरों का ये प्रत्युत्पन्नमतित्व प्रशासन के गाल पर तमाचा ज़रूर लगा गया…