प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ (Gati Shakti Master Plan) की शुरुआत कर दिये है . इस 100 लाख करोड़ के प्लान की सहायता से रेल और सड़क सहित कई मंत्रालयों को आपस में जोड़ा जाएगा. पीएम मोदी स्वतंत्रता दिवस 2021 के मौके पर लाल किले से ही इस प्लान का ऐलान किया था. कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि सरकारी विभागों में तालमेल की कमी है, जिसे दूर करने की दिशा में काम होगा. गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान निश्चित तौर पर देश बदलेगा।
बता दें कि सबसे पहले पीएम मोदी ने प्रगति मैदान के नए कॉम्पलेक्स का उद्घाटन किया. इसमें चार फुल एसी हॉल बनकर तैयार हो चुके हैं। यहां पार्किंग में 4800 कार पार्क करने की उपलब्धता है. बड़ी संख्या में लोग इन हॉल्स में बैठ सकते हैं. फिलहाल कुछ अंडरपास और टनल बन रही हैं, जिससे बाहर की सड़कों का ट्रैफिक कंट्रोल किया जा सकेगा.
‘गति शक्ति राष्ट्रीय मिशन’ को लॉन्च करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज दुर्गाअष्टमी है. पूरे देश में आज कन्या पूजन हो रहा है. आज देश की प्रगति को शक्ति देने का शुभकार्य हो रहा है. यह 21वीं सदी के भारत के निर्माण को नई ऊर्जा देगा. उनके रास्ते की रुकावटों को दूर करेगा. उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना का मकसद लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना साथ ही कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ाना और काम में तेजी लाना है.इस योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक डिजिटल मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को अधिक शक्ति और गति देना है.
मोदी ने पूर्व सरकार पर आरोप लगाया कि विकास कार्यों में सुस्ती के साथ शेक्सपियर के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया जाता था और विभाग अलग-अलग काम करते थे परियोजना को लेकर विभागों में तालमेल नहीं रहता था जिसके चलते कामों में देरी होती थी लेकिन आज 21वीं सदी का भारत सरकारी व्यवस्थाओं की पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है. हमने ना सिर्फ़ परियोजनाओं को तय सीमा में पूरा करने का ‘वर्क कल्चर’ विकसित किया बल्कि आज समय से पहले परियोजनाएं पूरा करने का प्रयास हो रहा है.
पीएम बोले कि हमने देखा है कि कहीं सड़क बनती है. बनने के बाद पानी विभाग के लोग पाइपलाइन डालने के लिए उसे जगह-जगह खोद डालते हैं. कहीं सड़क विभाग डायवर्जन बना देता है, ट्रैफिक पुलिस कहती है उससे जाम लग रहा है. ऐसे कई उदाहरण हैं. इनका समन्वय करने में दिक्कत आती थी. इससे बजट की भी बर्बादी होती है. सबसे बड़ा नुकसान है कि शक्ति जुड़ने की जगह शक्ति विभाजित हो जाती है. उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के बीच आपसी तालमेल की कमी है.उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के बिना विकास संभव नहीं है और सरकार ने अब इसे समग्र रूप से विकसित करने का संकल्प लिया है.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार के तहत भारत जिस गति और पैमाने को देख रहा है, वह आजादी के पिछले 70 वर्षों में कभी नहीं देखा गया था.उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहली अंतर-राज्यीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 1987 में शुरू की गयी थी. तब से 2014 तक लगभग 27 साल में मात्र 15,000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का निर्माण हो सका . इस समय नई गैस पाइपलाइन का 16,000 किलोमीटर से अधिक का निर्माण किया जा रहा है. एक स्टडी के मुताबिक, भारत में लॉजिस्टिक कॉस्ट जीडीपी का करीब 13 फीसदी है. दुनिया के बड़े देशों में ऐसी स्थिति नहीं.