सरकार मांगे नहीं मानी तो जाएंगे हाईकोर्ट,16 साल से बंधक बनकर जीने को है मजबूर
सिंगरौली — प्रस्तावित बंधा कोल ब्लॉक की सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली ईएमआईएल माइन्स एंड मिनिरल रिसोर्स लिमिटेड कंपनी अपने नाम कोल ब्लॉक करने के बाद अब कंपनी भूअर्जन के लिए सामाजिक प्रभाव आकलन एवं सामाजिक प्रभाव प्रबंधन के तहत ग्राम सभा का आयोजन तेंदुआ पंचायत भवन में किया है। ग्राम सभा के दौरान विस्थापितों ने बवाल कर दिया। जहां ग्रामीणों ने कंपनी की नीतियों को लेकर विरोध कर दिया। जहां ग्रामीणों का विरोध देख कंपनी प्रबंधन व प्रशासनिक अधिकारी महज औपचारिकता कर ग्राम सभा को समाप्त कर दिया।इस पूरे मामले को लेकर अब देखना होगा कि कंपनी विस्थापितों की मांग को लेकर कंपनी प्रबंधन क्या कदम उठाती है या फिर पूर्व की तरह एक बार फिर विस्थापितों के साथ धोखा होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
बता दें कि विस्थापित नेता देवेंद्र पाठक ने कंपनी प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामसभा में भू अर्जन के बदले कंपनियां विस्थापितों को क्या लाभ देगी इसका इस स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए इसके बाद ही ग्राम पंचायत की एनओसी दी जानी चाहिए लेकिन कंपनी प्रबंधन विस्थापितों को बिना लाभ बताएं ग्राम पंचायत की एनओसी लेना चाहती है।देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच सही कहते हैं एक संविधान एक विधान,एक निशान का नारा है देश के 14 राज्यों में भूमि अधिग्रहण में चार गुना मुआवजा दिया जा रहा है लेकिन जहां बीजेपी की सरकार है वहां महज 2 गुना मुआवजा देकर किसानों व आदिवासियों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
16 साल से बंधक बनकर जीने को है मजबूर विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि करीब 6 साल पहले पिड़रवाह गांव में आई टीएचडीसी कंपनी जमीन का भूअर्जन किया है अब ईएमआईएल माइन्स एंड मिनिरल रिसोर्सेस लिमिटेड कंपनी इसी गांव की करीब 44 हेक्टेयर जमीन पर भूअर्जन करने की बात कह रही है। गांव के करीब 44 हेक्टेयर जमीन दो कंपनियों के भूअर्जन में शामिल होने के बाद अब ग्रामीणों में संशय है कि आखिर उनकी जमीन कौन सी कंपनी भू अर्जन करने वाली है अभी तक कंपनियां डिनोटीफाइड नहीं कर पाई हैं और दूसरा भू अर्जन की अधिसूचना जारी कर दिए। ग्रामीणों को 16 साल से बंधक की तरह जीवन जीने को मजबूर किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने किया बवाल
आदिवासियों की जमीन को 2006 में भू अर्जन किया गया लेकिन अभी तक कोल माइन्स कंपनी किसानों के घर सिंचित,असिंचित, कुआं, ट्यूबवेल, विस्थापन की सुविधा सहित अन्य संसाधनों का का अभी तक कुछ भी नहीं दिया गया। कंपनी की नीतियों से पहले से ही ग्रामीण नाराज चल रहे थे अब जब नई कंपनी का भू अर्जन के लिए ग्राम सभा में कोल माइन शुरू करने के लिए बैठक बुलाई गई तो ग्रामीणों ने बवाल शुरू कर दिया और कंपनी प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए।
सरकार मांगे नहीं मानी तो जाएंगे हाईकोर्ट विस्थापित नेता देवेंद्र पाठक ने कहा कि हम सीएम शिवराज सिंह को विस्थापितों के मांग पत्र को सौंप चुका हूं अब यदि सरकार उनकी जमीनों का मुआवजा 4 गुना नहीं देती है तो हाईकोर्ट जाने को मजबूर होंगे उन्होंने कहा कि जब तक शरीर में जान है गरीब आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा।
इनका कहना है
ग्रामसभा में विस्थापितों रोजगार,भत्ता व मुआवजा को लेकर मांग पत्र दिया है सभी आपत्तियों को लिखित में दर्ज करा लिया गया है जो उचित मांगे हैं उनको पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
सम्पदा सर्राफ — एसडीएम –माड़ा