भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सरकार ने गरीब परिवारों के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस फैसले के तहत अब सरकार गरीब परिवारों को रहने के लिए मुफ्त प्लॉट देगी। परिवार मतलब पति-पत्नी एवं बच्चे और यदि उनके पास रहने का कोई भू-खण्ड नहीं है तो उन्हें सरकार रहने के लिए नि:शुल्क प्लॉट उपलब्ध कराएगी. इससे प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) (PMAY)में मकान बनने की राह भी खुल जाएगी और बाकी योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिसने इस धरती पर जन्म लिया है, उसका यह अधिकार है कि रहने के लिए जमीन का एक टुकड़ा तो कम से कम उसके नाम का हो, जिस पर मकान बनाकर वह अपने परिवार-बच्चों के साथ रह सके.सीएम शिवराज ने बताया कि “हम गरीब भाई-बहनों को इन प्लॉट का पट्टा भी देंगे. यह गरीबों के हक में ऐतिहासिक फैसला है.”
सीएम शिवराज सिंह ने ट्वीट कर कहा कि गरीब भाइयों-बहनों के लिए प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक फैसला किया है। मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना, ऐसे घर जिसमें एक से ज्यादा परिवार रहते हैं, परिवार का मतलब पति,पत्नी व बच्चे और उनके पास रहने का कोई और भूखण्ड नहीं है,तो उनको सरकार नि:शुल्क रहने के लिए प्लॉट उपलब्ध करवायेगी।
गरीब भाइयों-बहनों के लिए प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक फैसला किया है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 28, 2021
मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना, ऐसे घर जिसमें एक से ज्यादा परिवार रहते हैं, परिवार का मतलब पति,पत्नी व बच्चे और उनके पास रहने का कोई और भूखण्ड नहीं है,तो उनको सरकार नि:शुल्क रहने के लिए प्लॉट उपलब्ध करवायेगी। https://t.co/F5CpooJCOD pic.twitter.com/dFb6LSfraO
शिवराज ने कहा कि योजना के अंतर्गत आबादी भूमि की उपलब्धता के संबंध में जिला कलेक्टर को अधिकार प्रदान किए गए हैं। आवंटन के लिए भू-खण्ड का अधिकतम क्षेत्रफल 60 वर्गमीटर होगा । आवेदन करने के लिए वही आवेदक परिवार पात्र होंगे, जो संबंधित ग्राम के निवासी हों। आवासीय भू-खण्ड प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत करना होगा। पात्र परिवारों की ग्रामवार सूची संबंधित ग्राम के निवासियों से आपत्तियां या सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से प्रकाशित की जाएगी, जिसकी समयावधि दस दिन से कम की नहीं होगी। पात्र आवेदकों को पति एवं पत्नी के संयुक्त नाम से उपलब्धता के आधार पर भूस्वामी अधिकार पत्र प्रदान किए जाएंगे। भू-खण्ड आवंटन के लिए कोई प्रीमियम देय नहीं होगा। प्राप्त आवेदनों और स्वीकृत प्रकरणों की मॉनीटरिंग आयुक्त राजस्व द्वारा की जाएगी।