बैतूल -मध्य प्रदेश के बैतूल में गुरुवार को हुए बड़े हादसे में चार बच्चों की स्टॉप डैम में डूबने से मौत हो गई । घटना से पूरे इलाके में मातम छाया है । बैतूल के शाहपुर थाना इलाके के आमागोहान गांव में चेक डैम में नहाने गए दो सगे भाई और रिश्ते की दो बहिनों के गहरे पानी मे जाने से डूब गए और उनकी मौत हो गई । चेक डेम में बच्चों के डूबने की सूचना मिलने पर एसडीआरएफ और होमगार्ड की टीम ने मौके पर पहुंचकर रबर बोट के माध्यम से रेस्क्यू कर चारों बच्चों की लाश निकाली। माना जा रहा है कि बच्चों को स्टॉप डैम की गहराई का अंदाजा नहीं था इसलिए उनकी डूबने से मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि बैतूल नीमपानी पंचायत के आमगोहना में दो लड़की और दो लड़के डूबे हैं। पाढर अस्पताल में अटेंडर के पद पर कार्य करने वाले प्रदीप धौलपुरे के दो बेटे 16 साल के निखिल और 15 साल के प्रतीक अपनी मौसी की बेटी 12 साल की आयशा और मामा की बेटी 16 साल की कशिश सहित दो और बच्चियां गुरुवार की दोपहर घूमने गए थे । इसी दौरान पाढर के पास आमागोहान गांव के पास स्थित चेक डैम में निखिल ,प्रतीक ,आयसा और कशिश चेक डैम नहाने के लिए उतर गए । जब थोड़ी देर तक पानी से बाहर नही आये तो उनके साथ आई दोनों बच्चियां दौड़ कर घर आई और उन्होंने बताया कि चारो डूब गए है ।
इसकी सूचना मिलते ही शाहपुर एसडीओपी महेंद्रसिंह मीणा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं होमगार्ड को भी सूचना दी गई। थोड़ी ही देर में पहुंचे होमगार्ड के रेस्क्यू दल ने बचाव व राहत कार्य शुरू किया। करीब 2 घंटों की मशक्कत के बाद चारों शवों को डैम से निकाला गया। घटना की जानकारी मिलने पर एसपी सिमाला प्रसाद भी मौके पर पहुंची। शाहपुर एसडीओपी महेंद्र सिंह मीणा का कहना है कि पुलिस को सूचना मिली थी की चेक डेम में नहाने गए 4 बच्चे डूब गए पुलिस की टीम एसडीआरएफ एवं होमगार्ड की टीम ने रेस्क्यू कर लाशें निकाली)
एक साथ चार मौसेरे भाई-बहनों की मौत होने से पूरे पाढर क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया है। एकबारगी तो किसी को भी इस घटना पर यकीन नहीं हो रहा है। कुछ घंटों पहले तक जिन लोगों ने चारों भाई-बहनों को हंसी-खुशी घूमते हुए और बतियाते देखा था, उन्हें भरोसा ही नहीं हो रहा है कि यह चारों अब इस दुनिया में ही नहीं रहे।बताया जा रहा है कि यह चेक डैम 10-12 साल पहले ग्राम पंचायत पाढर ने बनवाया था। हाल ही में फोरलेन बना रही कंपनी ने भी मुरम निकालने के लिए इसकी खुदाई की। इससे यह और गहरा हो गया। यह डैम आयशा के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इसके चलते यह बच्चे अक्सर यहां पर जाया करते थे पर यह कोई नहीं जानता कि आज डैम पर गए यह बच्चे अब कभी भी वापस नहीं आ पाएंगे।