जल जीवन मिशन के कार्यों में पीएचई विभाग के कारण लग रहा ग्रहण,220 ट्यूबवेल खनन के लिए बुलाए गए टेंडर में व्यापक अनियमितता,पीएचई विभाग की सांठगांठ से 3 ठेकेदारों की मिली भगत से टेंंडर पास करने की तैयारी
सीधी। प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत गांव-गांव में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा ट्यूबवेल खनन कराया जाना था। 220 ट्यूबवेल खनन कराने के लिए गोपनीय तरीके से जो अखबार जिले में नहीं आते उनमें टेंडर निकालकर संविदाकारों से मिलीभगत कर एबब रेट से टेंडर आमंत्रित कर टेंडर खोलने की तैयारी की जा रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री की मिलीभगत से जल जीवन मिशन योजना की राशि का बंदरबांट किया जा रहा है।
संविदाकारों की मिलीभगत से एबब रेट से ट्यूबवेल खनन का टेंडर स्वीकृत कर शासन को लाखों रूपये का चूना लगाया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त पेयजल समस्या के समाधान के लिए जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत गांव-गांव में पेयजल योजना के माध्यम से घर-घर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सीधी को दायित्व सौपा गया है। विभाग द्वारा ट्यूबवेल खनन के लिए कुछ खास संविदाकारों को काम देने के लिए सुनियोजित तरीके से कार्ययोजना बनाई गई। टेंडर निकालने की औपचारिकता करने के बाद खास संविदाकारों को ही टेंडर डालने की व्यवस्था बना दी गई है। टेंडर पडऩे के बाद अन्य संविदाकारों को इसकी जानकारी मिल रही है।
एबब में टेंडर देने की तैयारी
विभागीय सूत्रों के अनुसार जिन संविदाकारों को टेंडर के माध्यम से 220 ट्यूबवेल खनन की जिम्मेदारी दी जाने वाली है उनके रेट काफी एबब हैं। यदि सार्वजनिक तौर पर पूरी जानकारी के साथ टेंडर आमंत्रण की कार्यवाही की गई होती तो ट्यूबवेल खनन काफी कम दर पर हो सकता था। साथ ही शासन को भी कम बजट में काम कराने में सुविधा मिलती। यहां यह देखा जा रहा है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कुछ खास संविदाकारों को ही काम देने का सिलसिला काफी समय से किया जा रहा है। पेयजल टंकी निर्माण के दौरान भी इसी तरह की शिकायतें लगातार मिल रही थी। जिस पर सार्थक कार्यवाही न होने के कारण अब ट्यूबवेल खनन में भी खास संविदाकारों को पूरी तरजीह दी जा रही है।
विभाग निजी स्वार्थ पूरा करने चहेते संविदा कारों का ले रहा सहारा
करोड़ों के कार्य में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के संबंधित अधिकारी अपना निजी स्वार्थ साधने के लिए खास संविदाकारों का सहारा ले रहे हैं। जिसके चलते काफी महंगे दामों में काम हो रहा है। जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के दौरान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा खास संविदाकारों के माध्यम से नल के माध्यम से पेयजल सप्लाई की पूरी कार्ययोजना पहले से ही बना ली गई है। जिससे काफी महंगे दामों में काम हो और ज्यादा से ज्यादा कमीशन मिले। जानकारों का कहना है कि यदि जल जीवन मिशन के कार्यों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा इसी तरह से खास संविदाकारों के माध्यम से कार्य कराया गया तो कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
कमीशन के खेल में लगे अधिकारी
नल जल कनेक्शन होने के बाद लोगों को कब तक घरों में पानी आने की सुविधा मिलेगी इसको लेकर भी अभी से ही सवाल खड़े होने लगे हैं। जल जीवन मिशन के सभी कार्यों को खास संविदाकारों के माध्यम से ही कराने की पूरी कार्ययोजना विभागीय अधिकारियों द्वारा तैयार कर ली गई है। जिससे उन्हे ज्यादा से ज्यादा कमीशन मिले। कार्य की गुणवत्ता से उन्हे कोई सरोकार नहीं है। जल जीवन मिशन योजना के तहत अभी विभाग के माध्यम से आगे भी कार्य काफी मात्रा में होने हैं यदि इसी तरह की मनमानी चलती रही तो शासन की मंशा पर पानी फिर जाएगा।