सिंगरौली हेलो बेटू खाना 15 दिसम्बर। नगर पालिक निगम सिंगरौली भ्रष्ट्राचार के सारे पराकाष्ठाओं को पार कर दे रहा है। अपने चहेतों को लाभ दिलाने के लिए अधिकारी दरिया दिली दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। वार्ड क्र.42 सामुदायिक भवन बिलौंजी के एकाउस्टिक्स साउंड प्रूफिंग व कम्युनिटी हाल सहित अन्य कार्यों में उपयंत्री के क्रियाकलापों का भण्डाफोड़ होने के बाद अब नोटशीट बदलने की कवायदें तेज हो चुकी है। वहीं उक्त कार्य में कई चौकाने वाले मामले प्याज के छिलकों की तरह परत दर परत सामने आने लगे हैं।
गौरतलब हो कि वार्ड क्र.42 बिलौंजी में अटल सामुदायिक भवन में साउंड प्रूफिंग व कम्युनिटी हाल सहित अन्य कार्य के लिए तकरीबन 39 लाख रूपये का देयक उपयंत्री के द्वारा तैयार कर भुगतान के लिए अधीक्षण यंत्री के यहां सीधे नस्ती को अग्रेषित कर दिया था। उक्त निर्माण कार्य का टेण्डर 34 लाख रूपये था। बाद में इसे कार्य की अधिकता बताकर 39 लाख रूपये का देयक तैयार कर दिया। जबकि आरोप है कि उक्त कार्य में कई गड़बडिय़ां मिलने लगी हैं। एकाउस्टिक्स साउंड प्रूफिंग सहित अन्य कार्य कितना हुआ है निष्पक्ष जांच के बाद ही खुलासे हो सकते हैं। लेकिन जब यह मामला आज विंध्य न्यूज ने प्रमुखता से प्रकाशित कर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराया तो इस खुलासे के बाद नगर निगम अमले में हड़कम्प मच गया है। सूत्र बता रहे हैं कि उक्त निर्माण कार्य की नस्ती को फेरबदल करने की कवायद तेजी के साथ शुरू कर दी गयी है।
सूत्र बताते हैं कि कलेक्टर ने उक्त मामले को काफी गंभीरता से लिया है। कलेक्टर के कड़े तेवर को देख नगर निगम में हड़कम्प मचा है। तो वहीं उक्त निर्माण कार्य में लाखों रूपये राशि की बंदरबांट करने के असफल प्रयास को लेकर नगर निगम के उपयंत्री पीके सिंह सवालों के घेरे में आ गये हैं। उन्होंने संविदाकार पर इतना बड़ा दिल क्यों दिखाया इस बात को लेकर नगर निगम में ही तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। इधर नगर निगम में दलाल भी सक्रिय हो गये हैं। सक्रिय दलाल अपना नफा नुकसान को देख कुछेक अधिकारियों पर मौन धारण रहने के लिए सलाह दे रहे हैं। हालांंकि सक्रिय दलालों के क्रियाकलाप भी धीरे-धीरे जगजाहीर होने लगी है। वहीं उपयंत्री के संदिग्ध कार्यप्रणाली भी अब प्याज के छिलकों की तरह परत दर परत खुलने लगी है। फिलहाल उक्त भवन के निर्माण कार्य में गड़बड़झाला करने के प्रयास व देयक नोटशीट, निर्माण कार्य का सत्यापन व सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री के यहां न प्रस्तुत किया जाना मामला काफी गरमा गया है। माना जा रहा है कि यह सोची समझी चूक कहीं उपयंत्री व संविदाकार पर भारी न पड़ जाये।
परफार्मेंस गारंटी की अवधि एक साल क्यों?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किसी भी निर्माण कार्य के लिए परफार्मेंस गारंटी की अवधि तकरीबन 5 साल की तय है। किन्तु सामुदायिक भवन बिलौंजी के कम्युनिटी हाल, साउंड प्रूफिंग सहित अन्य कार्य के लिए बैंक गारंटी की वैधता एक साल की थी। बैंक गारंटी इतने कम समय के लिए क्यों ली गयी यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। संविदाकार पर कई अधिकारियों ने दरियादिली दिखाया है। इसके पीछे का कारण किसी से छुपा नहीं है।
बिलो पर नहीं एवब पर था भवन का कार्य
सूत्रों की बात मानें तो उक्त कार्य टेंडर पोर्टल के माध्यम से लगाया गया। उस दौरान नगर निगम के कुछेक अधिकारी अपने चहेते संविदाकार को कार्य दिलाने के लिए कड़ी मशक्कत किया और सफल भी रहे। कई संविदाकार टेंडर डालने के बाद पीछे हट गये। अंतत: संविदाकार को बिलो नहीं बल्कि एवब पर मिल गया। यह सुनने में भी अचरज लगता है कि नगर पालिक निगम सिंगरौली में ई टेण्डरिंग पोर्टल के माध्यम से होने वाले टेण्डर एवब पर चला जाय यह ताजुब से कम नहीं है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि इस कार्य में कुछेक अधिकारी ने योजनाबद्ध तरीके से कसरत किया और सफल भी रहा तभी तो कार्य बिलो नहीं एवब पर पहुंच गया और उपयंत्री ने भी 16 लाख रूपये अतिरिक्त स्वीकृति देयक भुगतान के लिए प्रस्तावित कर दिया। इस कार्य में गड़बड़झाला की बू सामने आ रही है।