सिंगरौली 14 जनवरी। जिले में कोल संग्रहणकर्ताओं के विरूद्ध दूसरे दिन शुक्रवार को भी कार्रवाई जारी रही। आज शुक्रवार की सुबह से ही खनिज, राजस्व एवं पर्यावरण तथा रेलवे की संयुक्त टीम ने बरगवां क्षेत्र के कनई, डगा में बिना अनुमति के भण्डारित तकरीबन 7 हजार मैट्रिक टन कोयला जप्त कर दो संग्रहण कर्ता ठेकेदारों के विरूद्ध कार्रवाई कर हड़कम्प मचा दिया है। वहीं इस कार्रवाई से प्रदूषण नियंत्रण अमले पर तरह-तरह के कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं। वहीं जप्त कोयले की बाजार मूल्य तकरीबन डेढ़ करोड़ आंकी जा रही है।
गौरतलब हो कि गोरबीएवं बरगवां अंचल के सरकारी, गैर सरकारी भूमियों में अनाधिकृत रूप से कोयला संग्रहणकर्ताओं के द्वारा जगह-जगह कोयले का अवैध भण्डारण किया जा रहा है। नवभारत ने प्रमुखता के साथ खबरें प्रकाशित किया। साथ ही जिला पंचायत सदस्य व सहकारिता सभापति राजेश सिंह राजू, नौढिय़ा, बरवानी सहित अन्य पंचायतों के सरपंचों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से किया था। कलेक्टर राजीव रंजन मीना के निर्देश पर आज दूसरे दिन भी खनिज, राजस्व व पर्यावरण विभाग की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को बरगवां क्षेत्र के ग्राम कनई व डगा में बिना किसी वैधानिक अनुमति के भंडारित दो कोयला संग्रहण ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर कुल 7 हजार मीट्रिक टन कोयला जप्त किया है। उक्त संयुक्त टीम द्वारा दो दिन से की जारी लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई से अवैध कोयला भंडारण व संग्रहण कर्ताओं के बीच हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गयी है। तदाशय की जानकारी में सिंगरौली खनिज अधिकारी एके राय ने बताया कि बरगवां रेलवे साइडिंग के नजदीक ग्राम डगा स्थित निजी भूमि पर संगीता सेल्स प्रा.लिमिटेड के पास से भंडारित 4000 मीट्रिक टन कोयला व ग्राम कनई में एमपीपीजीसीएल फर्म द्वारा भंडारित 3000 मीट्रिक टन कोयले को जप्त किया गया है।
खनिज अधिकारी श्री रॉय के अनुसार उक्त भंडारणकर्ता कंपनियों द्वारा बिना किसी वैधानिक अनुमति के कोयले का भंडारण किया गया था और भंडारित कोयला परिसर क्षेत्र में पर्यवारण एवं प्रदूषण के रोकथाम हेतु विंड ब्रेकिंग वाल, पानी छिड़काव एवं हानिकारक पानी निकासी आदि के लिए कोई उपाय नही पाए गए। इसके अलावा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन भी नही करना पाया गया। खनिज अधिकारी श्री रॉय ने बताया कि उक्त कंपनियों द्वारा एनसीएल सिंगरौली से कोयला क्रय कर बरगवां रेलवे साइडिंग के नजदीक बिना वैध अनुमति के भंडारण करने हेतु कार्रवाई की गई है। दो कोयला भंडारण कर्ता कंपनी के विरुद्ध मध्यप्रदेश अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण नियम 2006 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। गौरतलब हो कि उक्त अमले द्वारा ग्राम पंचायत नौढिय़ा में 8 कोयला संग्रहण कर्ता कंपनियों से 41 हजार 500 मीट्रिक टन कोयला जप्त कर संबंधित कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
पर्यावरण प्रदूषण विभाग की खुली पोल
म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंगरौली के क्षेत्रीय अधिकारी अभी तक दावा करते आ रहे थे कि खुले स्थान पर अब कहीं भी कोयला भण्डारित नहीं है। कोयले के संग्रहण कर्ताओं को नोटिस देकर कार्रवाई की जा रही है। किन्तु कलेक्टर के निर्देश पर गठित टीम ने दो दिन के दौरान कोल संग्राहकों के विरूद्ध की गयी कार्रवाई के बाद प्रदूषण नियंत्रण अमले की पोल खुल गयी है। सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि यह सब कुछ पर्यावरण अमले की जानकारी में हो रहा था। भण्डारण एक दिन से नहीं कई महीनों से ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा था। किन्तु पर्यावरण अधिकारी नीरज वर्मा व उनके अमले को दूर-दूर तक नहीं दिख रहा था। इसके पीछे कारण क्या है धीरे-धीरे इनकी काली करतूते प्याज के छिलकों की तरह परत दर परत भेद खुलता जा रहा है।
कार्रवाई में ये रहे शामिल
कलेक्टर राजीव रंजन मीना के निर्देश पर कोयला भंडारण कंपनियों के खिलाफ जारी दूसरे दिन शुक्रवार को की गई कार्रवाई में खनिज अधिकारी एके रॉय, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंगरौली क्षेत्रीय अधिकारी डॉ.नीरज वर्मा, खनिज निरीक्षक विद्याकान्त तिवारी के साथ बरगवां के प्रभारी तहसीलदार, कनई व डगा के हल्का पटवारी, रेलवे स्टेशन के अधीक्षक तथा राजस्व का मैदानी अमला शामिल रहा।