सिंगरौली 15 जनवरी। अनुमति मिली नहीं और कोयले का उठाव संग्रहणकर्ता के संविदाकार गुपचुप तरीके से शुरू कर दिये हैं। कोयले का यह खेल बीती रात से फिर से तेजी पकड़ लिया है। हालांकि यह मामला कलेक्टर राजीव रंजन मीना एवं चितरंगी एसडीएम नीलेश शर्मा के संज्ञान में आ गया है।
गौरतलब हो कि 13 जनवरी को कलेक्टर राजीव रंजन मीना के निर्देश पर चितरंगी एसडीएम नीलेश शर्मा के नेतृत्व में गठित राजस्व, खनिज, पर्यावरण, एनसीएल ब्लाक बी गोरबी, रेलवे की संयुक्त टीम ने गोरबी के नौढिय़ा में अनाधिकृत रूप से सरकारी एवं गैर सरकारी के साथ-साथ एनसीएल की भूमि में कोयले के अवैध भण्डारण पर दबिश देते हुए करीब 41500 मैट्रिक टन से अधिक कोयला जप्त कर 8 संग्रहणकर्ता कोयला संविदाकारों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई के लिए कलेक्टर न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। किन्तु सूत्र बता रहे हैं कि अभी कलेक्टर के न्यायालय से जप्त कोयले के बारे में कोई फैसला नहंी हुआ। इसके पूर्व बीती रात से ही कथित कोयला संग्रहणकर्ताओं ने कोयले का उठाव शुरू कर दिया है। मामला जब आज सुबह तूल पकड़ा तो संग्रहणकर्ता संविदाकार आंखे तरेरने लगा। हालांकि लोगों की भीड़-भाड़ देख धीरे-धीरे संविदाकार का स्टाफ चलते बना। लेकिन इसके पूर्व कई हाईवा वाहनों से कोयले का उठाव करा चुके थे। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि संग्रहणकर्ता कोयले कंपनी संविदाकार अपनी पहुंच हाई लेवल की बताते हुए स्थानीय लोगों पर धौंस भी जमा रहे हैं। चर्चाओं के मुताबिक उनके कुछ आका सफेद पोशधारी हैं। जिनके संरक्षण में कोयले का यह खेल खूब फल फूल रहा है। जिसके चलते कथित कोल संविदाकारों का हौसला बुलंद है। इधर सवाल यह भी उठने लगा है कि जब एसडीएम के नेतृत्व में कोयला जप्त हुआ है और प्रकरण कलेक्टर के न्यायालय में पहुंच गया है। कोयला उठाव की अनुमति अभी मिली नहीं तो कथित कोल संविदाकार कोयले का उठाव क्यों शुरू कर दिया।
ग्राम पंचायत नौढिय़ा सरपंच आरती सिंह चंदेल ने कलेक्टर सिंगरौली को शिकायत पत्र लिखकर जप्त कोयले के संबंध में कथित संविदाकारों पर गंभीर आरोप लगाया है कि और कहा है कि जांच टीम द्वारा की गयी कार्रवाई के विरूद्ध बिना किसी अनुमति के ही उनके द्वारा पुन: नियमों को दर किनार कर कोयले का काम चालू कर दिया गया है। जिससे यहां के क्षेत्रीय जनों में भारी असंतोष पनप रहा है। सरपंच ने ऐसे कोल कंपनी के संविदाकारों के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने की मांग की हैं।
एनसीएल बेसुध,कोल संविदाकार मालामाल
महदेईया रेलवे साइडिंग के आड़ में एनसीएल की भूमि में वर्षों से संग्रहणकर्ता कंपनियों के ठेकेदारों के द्वारा एनसीएल की भूमि में कोयले का अवैध भण्डारण किया जा रहा था। जहां एनसीएल बी ब्लाक का अमला अंजान बना था। वहीं उक्त कंपनियों के संविदाकार देखते ही देखते मालामाल हो गये हैं। उनकी अकूत संपत्ति जाने के बाद हर कोई आश्चर्य चकित हो जा रहा है। 5 साल पूर्व कथित संग्रहणकर्ता की आर्थिक स्थिति क्या थी क्षेत्र के लोग भली-भांति जानते हैं। लेकिन ऐसे संग्रहणकर्ता की अकूत संपत्ति जाने के बाद हर कोई तरह-तरह की चर्चाएं कर रहा है। चर्चा यह भी है कि बिना अनुमति के कोयले का भण्डारण कराने में एनसीएल के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत है। जिनके संरक्षण में यह कारोबार खूब फल फूल रहा है और आगे भी उन्हें इसी तरह के कार्य करने के इशारे मिल भी रहे हैं।
संविदाकारों ने करोड़ो का पहुंचाया आर्थिक क्षति
सूत्रों के मुताबिक महदेईया रेलवे साइडिंग के आड़ में नौढिय़ा के सरकारी, गैर सरकारी व एनसीएल की भूमि में कोयले का संग्रहण कर भण्डारण किया जा रहा है। यह खेल कई वर्षो से लेकर चला आ रहा है। लेकिन एनसीएल ब्लाक बी के अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण करने जहमत नहीं उठायी। इसके पीछे कारण क्या है यह बात किसी से छुपी नहीं है। धीरे-धीरे उनके काले कारनामे भी सामने आ रहे हैं। तो वहीं यह भी चर्चा है कि कथित कोल संविदाकारों ने एनसीएल को भी करोड़ों रूपये की राजस्व क्षति पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है।
कोयले की छाई में कई राज
कोयले के आड़ में छाई का कारोबार व्यापक पैमाने पर हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि कथित संविदाकार छाई के कारोबार से ही देखते ही देखते हजार से करोड़ पति बने गये हैं। यदि इसकी गहराई से जांच की जाय तो कई राज खुल सकते हैं। इस छाई में एक सिन्डीकेट काम कर रहा है। जहां इसकी फेहरिस्त लंबी चौड़ी है। इस छाई से सरकार को काफी क्षति व राजस्व नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
इनका कहना है
कुछ लोगों के द्वारा शिकायत मिली है। इसकी जांच की जायेगी। यदि आरोप सही हैं तो कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन कलेक्टर के यहां प्रस्तुत किया जायेगा।
नीलेश शर्मा,एसडीएम, चितरंगी