सिंगरौली 17 जनवरी। जिले के जिम्मेदार लोगों की उदासीनता की वजह से देश के महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री योजना उज्ज्वला 2.0 का जिले को मिला लक्ष्य को पूरा होना तो दूर अब तक लक्ष्य का केवल 25 प्रतिशत हितग्राहियों को कनेक्शन दिया गया है। जबकि जमीनी हकीकत यह कि जिले में आज भी हजारों लोग उज्ज्वला योजना कनेक्शन की बाट जो रहे हैं। लेकिन योजना क्रियान्वयन के जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। नतीजन देश के प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना पर पलीता लगता दिख रहा है। इस बावत विभागीय लोग तो उदासीन हैं। साथ ही जनप्रतिनिधि भी इस पर ध्यान नही दे रहे है जिससे जिले में यह योजना दम तोडऩे नजर आ रही है।
गौरतलब हो कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी गरीब परिवार की गृहणियों को लकड़ी व खाना बनाने के अन्य ईंधन सामग्रियों से होने वाली परेशानियों से निजात दिलाने देश मेें प्रधानमंत्री उज्वला योजना शुरू किया है। जिसके तहत पात्र हितग्राहियों को सर्वे कर आवेदन लेकर कनेक्शन देना है। लेकिन जिम्मेदार लोगों की उदासीनता की वजह से यह योजना सिंगरौली जिले में कछुए की गति से चल रहा है। गैस एजेंसियों से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार उज्वला योजना 2.0 में सिंगरौली को 52 हजार कनेक्शन का लक्ष्य मिला है लेकिन चार माह में अब तक केवल 18 हजार 586 हितग्राहियों को ही कनेक्शन मिल पाया है। जबकि जहां अधिकांश लोग आवेदन कर कनेक्शन होने का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं योजना से वंचित हजारों की संख्या में पात्र लोग योजना के लाभ से वंचित हैं। ग्रामीण पात्र हितग्राहियों ने जिम्मेदारों पर आरोप लगाते हुए बताया है कि जिले में भारी संख्या में पात्र हितग्राही हैं लेकिन न ही उनके आवेदन लिए जा रहे हैं और न ही इस बावत कोई उनको मार्गदर्शन दे रहा है।
ग्रामीण क्षेत्र में आज भी लकड़ी व कण्डे से बन रहा भोजन
ग्रामीण सूत्रों की माने तो आज भी देवसर व चितरंगी के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुतायात मात्रा में गांव पड़े हुए जहां के लोगों को उज्वला योजना कनेक्शन की जानकारी नही है और जिन्होंने सुना भी है तो उन्हें आवेदन की प्रक्रिया नही मालूम है। नतीजन पात्र होने के बाद भी अधिकांश लोग उज्ज्वला योजना का लाभ नही ले पा रहे हैं और वह सब आज भी लकड़ी व कण्डे की धुंआ में खाना बनाने को मजबूर हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में कैम्प लगाकर कनेक्शन देने उठी मांग
उज्ज्वला योजना से वंचित लोगों ने मांग की है उनके ब्लॉक या तहसील स्तर पर कैम्प लगाकर इस योजना का आवेदन लिया जाय और पात्र हितग्राहियों को उज्ज्वला 2.0 का लाभ दिया जाय। इधर जानकारों का मत है कि उज्ज्वला योजना के जिम्मेदारों के साथ सरपंच, पार्षद व अन्य जनप्रतिनिधियों को भी प्रयास कर लोगों को योजना से लाभांवित कराना चाहिए।