सिंगरौली 17 जनवरी। रेलवे साइडिंग महदेईया एवं बरगवां के आस-पास बिना अनुमति के कोयला भण्डारित करने वाले ठेकेदारों को जिला प्रशासन के द्वारा नोटिस जारी करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। आरोप है कि कोल खदान के 50 किमी के परिधि में रेलवे साइडिंग को छोड़ अन्य प्राइवेट व निजी भूमि पर कोयला भण्डारण करने की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके 10 कोल संविदाकारों के द्वारा खनिज अधिनियम एवं एनजीटी के दिशा-निर्देशों को ताक पर रख दिये हैं।
गौरतलब हो कि गोरबी के नौढिय़ा, बरगवां के डगा व कनई की निजी, सरकारी व एनसीएल की भूमि में करीब 10 कोयला संग्रहणकर्ता ठेकेदारों ने करीब 50 हजार मैट्रिक टन कोयले भण्डारित किया गया था। कोयले का भण्डारण करने जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं मिली थी। ठेकेदारों ने मनमानी तरीके से निजी व सरकारी तथा एनसीएल के भूमि में हजारों मैट्रिक टन कोयले का भण्डारण कई वर्षों से करते आ रहे थे। म.प्र.पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्रीय कार्यालय सिंगरौली के साथ-साथ अन्य जिम्मेदारों को इसकी जानकारी भली-भांति थी। लेकिन किसी सरकारी अमले ने कोल संग्रहणकर्ता संविदाकारों पर कार्रवाई नहीं कर रहे थे। लिहाजा कलेक्टर ने चितरंगी एसडीएम के नेतृत्व में आधा दर्जन विभागों के अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया जहां एसडीएम चितरंगी नीलेश शर्मा, खनिज अधिकारी एके राय सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने दो दिन की कार्रवाई में करीब 50 हजार मैट्रिक टन कोयला जप्त कर हड़कम्प मचा दिया है।
कोयले के खेल में पर्यावरण अधिकारी की मिलीभगत कोयला जप्त कर कार्रवाई के बाद 10 कोल संग्रहण कर्ता संविदाकारों को नोटिस जारी करने की भी तैयारी शुरू कर दी गयी है। सूत्र बता रहे हैं कि कोयले की रायल्टी के अनुसार इन पर जुर्माना लग सकता है। वहीं सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि कोल खदान के 50 किमी परिधि में कोल साइडिंग को छोड़ अन्य स्थानों पर कोयला संग्रहण कर भण्डारित करने की अनुमति नहीं दी जाती है। फिर संविदाकारों ने शासन के उक्त आदेशों का पालन करने से परहेज क्यों करते नजर रहे थे। यह अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण अमले की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्रचिन्ह खड़ा होने लगा है। सूत्र बताते हैं कि कोयला के पूरे खेल में पर्यावरण विभाग के अधिकारी संविदाकारो को खुली छूट दे रखी थी और मोटी सुविधा शुल्क ले रहे थे। अगर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो जाए तो कड़ी अधिकारियों का निपटना तय माना जा रहा है।
इन ठेकेदारों को जारी होगी नोटिस
बिना अनुमति के सरकारी व निजी तथा एनसीएल की भूमि पर कोयले का भण्डारण करने वाले ग्राम पंचायत नौढिय़ा में कोयले के अवैध भण्डारण पर संयुक्त कार्रवाई में गैलेण्ट इस्पात लिमिटेड के खसरा क्र.603 का अंश भाग एनसीएल की भूमि से 4 हजार मैट्रिक टन, आरकेटीसी मलिक ट्रांसपोर्ट ख.क्र.603, 602 का अंश भाग एनसीएल की भूमि से 15 हजार मैट्रिक टन, संगीता सेल्स प्रो.किशोर बंसल ख.क्र.603 का अंश भाग एनसीएल की भूमि से 4 हजार मैट्रिक टन,महावीर कोल रिसोर्सेस ख.क्र.574,840 निजी भूमि से 35 सौ मैट्रिक टन, इनोसेन्ट ट्रेडर्स लिमिटेड प्रो.गौरव मतुरिया ख.क्र.575/2, 576/2,576/1,578/1 निजी व शासकीय भूमि से 35 सौ मैट्रिक टन, स्वामी फ्यूल ख.क्र.578/1 निजी भूमि से 4 हजार मैट्रिक टन, मे.कोल हव प्रो.विवेक गोयल/अमित ख.क्र.579 निजी भूमि से 15 सौ मैट्रिक टन, फ्यूलको कोल इंडिया लिमिटेड/जेपी ट्रांस.ख.क्र.584, 585,586,588 निजी भूमि से 6 हजार मैट्रिक टन सहित कुल 41500 मैट्रिक टन भण्डारित कोयला जप्त करने की कार्रवाई की गयी थी। वहीं दूसरे दिन 14 जनवरी को बरगवां रेलवे साइडिंग के नजदीक ग्राम डगा स्थित निजी भूमि पर संगीता सेल्स प्रा.लिमिटेड के पास से भंडारित 4000 मीट्रिक टन कोयला व ग्राम कनई में एमपीपीजीसीएल फर्म द्वारा भंडारित 3000 मीट्रिक टन कोयले को जप्त किया गया था। उक्त सभी कंपनियों के संविदाकारों को नोटिस जारी करने की तैयारी खनिज विभाग कर कलेक्टर के यहां नस्ती प्रस्तुत किया जायेगा।