गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी शामिल,एक लाख 67 हजार रुपये ट्रक का लगा भाड़ा, प्रदेश व राज्य सरकार के दावों की खुली पोल,
डिण्डोरी- वैश्विक महामारी के चलते देश भर को लाक डाउन कर दिया गया है,महामारी के चलते कई राज्यों में मजदूर फंसे हुए हैं उन मजदूरों को आवश्यक आवश्यकता की पूर्ति व अपने राज्य में वापस लाने की व्यवस्था के दावे केंद्र सरकार और राज्य सरकार कर रही है सरकार द्वारा मजदूरों को मदद की दावे कर रही है लेकिन डिंडोरी जिले में सरकार के द्वारा किए जा रहे मजदूरों की मदद के दावों की पोल खोलती तस्वीर सामने आई है। कोरोना वायरस के चलते लाक डाउन में फंसे मजदूरों के हाल बेहाल हैं कई राज्यों में रोजी-रोटी कमाने गए मजदूरों के सामने एक और जहां रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है वही अब मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं ।
दरअसल मंगलवार की सुबह ऐसा ही एक मामला सामने आया जहां गुजरात के सूरत से 63 मजदूरों का एक जत्था ट्रक में भरकर डिंडोरी जिला मुख्यालय पहुंचा। यहां सोशल डिस्टेंस की जमकर धज्जियां उड़ाई गई प्रशासन के अधिकारी पहुंच भी मजदूरों की सोशल डिस्टेंस की दूरियां नहीं बनवा पाई। इन मजदूरों के सूरत से डिण्डोरी तक पहुंचने की कहानी दर्द भरी है। सूरत की कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाले डिण्डोरी जिले के विभिन्न ग्रामों के निवासी मजदूर लॉक डाउन चलते पिछले 3 महीनों से परेशान हो रहे थे। फैक्ट्रियां बंद होने के कारण जहां रोजी-रोटी का संकट सामने आ खड़ा हुआ वही इस महामारी की चपेट में आने का डर मजदूरों को अपने घर की और जाने को मजबूर कर दिया ।किंतु आवागमन के सभी साधन बंद होने के कारण इन्हें अपने गांवों श तक पहुंचना कठिन हो गया।
प्रति व्यक्ति 2700 रुपये की दर से 1,67,400 रुपये में आया ट्रक, डिंडोरी पहुंचे मजदूरों को जिला प्रशासन सोशल डिस्टेंस का पालन करवाने में लापरवाही दिखाई प्रशासन ने खबर लगने के बाद पूरे मामले में हीला हवाली की यही वजह रही कि डिंडोरी पहुंचकर भी वह काफी देर तक एक दूसरे के नजदीक बने रहे।मजदूरों की मानें तो इस कठिन समय में ना तो गुजरात की सरकार ने उनकी कोई मदद की और ना ही मध्य प्रदेश की सरकार की तरफ से कोई सहायता प्राप्त हुई ।मजदूरों ने अपने स्वयं के खर्चे पर एक ट्रक भाड़े में लिया मजदूरों ने बताया कि प्रति व्यक्ति 2700 रुपये की दर से ₹1,67,400 रुपये में सूरत से डिंडोरी तक आना तय किया गया है।
गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी शामिल
जिस ट्रक में मजदूरों को भेड़ बकरियों की तरह भरकर लाया गया था उसमें गर्भवती महिलाएं और मासूम बच्चे भी सवार थे। मजदूरों ने बताया कि विभिन्न शहरों और ग्रामों से होते हुए वे डिण्डोरी तक पहुंचे हैं इस बीच जहां कहीं भी उन्होंने रुकने अथवा आराम करने का प्रयास किया है वहां लोगों ने उनका विरोध किया। पिछले तीन-चार दिनों से बगैर खाए पिए बड़ी कठिनाई से सफर तय कर डिंडोरी तक पहुंचे।
स्वास्थ्य परीक्षण कर किया क्वॉरेंटाइन
मजदूरों का दल जिला मुख्यालय में पहुंचने की खबर पाते ही जिला प्रशासन मौके पर पहुंचे सभी मजदूरों व प्रवासियों को जलपान की व्यवस्था बनाई। मजदूरों की आने की सूचना सीएमएचओ डॉ आरके मेहरा को दी गई। वे भी मौके पर पहुंचे और मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। फिलहाल सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किए जाने के पश्चात उन्हें जिला मुख्यालय में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है।