युवा यशवंत पढ़ा लिखा है कि इसलिए 10 मई की रात वह घर के अंदर नहीं गया,कोरोना पीड़ित मरीज ने लगाए गंभीर आरोप,जिम्मेदारों ने कहा आरोप गलत,स्वास्थ्य विभाग के व्यवस्थाओं की खुली पोल
दमोह/ तेंदूखेड़ा. ग्रीन जोन दमोह में पहला कोविड.19 का पहला पॉजीटिव मिल गया है। तेंदूखेड़ा के क्वारंटीन सेंटर में भर्ती था। जिसे गुरुवार की सुबह 8 बजे डिस्चार्ज कर दिया गया। दो दिन पहले तक ग्रीन जोन में रहने वाले दमोह जिले में एक कोरोना पाजेटिव मरीज मिलने ले बाद इलाका आरेंज जोन में है तो इस बीच पहले पॉजिटिव मरीज ने अपना एक वीडियो जारी करके सनसनी फैला दी है। मरीज युवक ने साफ कहा है कि वो अपने मामा के साथ अपने गावँ तक गया लेकिन उसे किसी ने रोका नहीं। मरीज के मुताबिक वो मुंबई में मजदूरी करता था और एक बस के जरिये वो सागर जिले के गढ़ाकोटा तक आया और अपने मामा के यहां चला गया। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।
मरीज अपने मामा के साथ बाइक से दमोह जिले से सर्रा गावँ आया लेकिन उसे किसी ने रोका नहीं। लेकिन इसे शक था कि वो कोरोना से पीड़ित है लिहाजा वो खुद चेकअप कराने गया और स्वास्थ्य बिभाग की टीम ने सिम्टम्स के आधार पर उसे कोरेन्टीन कर दिया। उसका सेम्पल लिया गया और जाँच रिपोर्ट आने के पहले ही 14 तारीख को उसे सेंटर से जाने दिया गया लेकिन शाम को उसकी पाजेटिव रिपोर्ट आ गई तो हड़कंप मच गया। इस लापरवाही से पूरे तेंदूखेड़ा ब्लॉक में कोरोना का खतरा मंडराने लगा है
युवा यशवंत पढ़ा लिखा है कि इसलिए 10 मई की रात वह घर के अंदर नहीं गया, उसने अपने मामा को बताया कि उसे तकलीफ है। इसलिए तेंदखेड़ा लेकर चलो। गुरुवार की सुबह जब उसे डिस्चार्ज किया जा रहा था तो उसने तकलीफ होना बताई लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अमले ने डिस्चार्ज कर दिया। जिससे वह अपने घर के अंदर चला गया। इस कारण से उसके परिवार के 3 सदस्य जानकी कुर्मी, कुसुम कुर्मी व रोहित कुर्मी भी कोरोना के दायरे में आ गए हैं।
पीड़ित का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से उसका परिवार और गावँ भी आफत में आ गया है। कोरोना पीड़ित का वीडियो सामने आने के बाद इलाके में हड़कंप मचा है तो मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी का कहना है आरोप बेबुनियाद हैं। जिले की सीमा में आने से पहले चेकपोस्ट से होकर लोगों को गुजरना पड़ता है जहां हर आने वाले लोगों की जाँच की जा रही है। सी एम एच ओ डॉ तुलसा ठाकुर बताती है कि हो सकता है किसी चोर रास्ते के जरिये पीड़ित गावँ तक गया हो लेकिन जैसे ही वो अपना मेडिकल चेपक कराने गया उसे कोरेन्टीन कर दिया गया था। खुद जिले की सबसे बड़ी स्वास्थ्य अधिकारी ये मान रही हैं कि सम्बंधित पीडित की फायनल रिपोर्ट आने से पहले ही 14 तारीख को उसे घर जाने दिया गया और शाम होते उसकी रिपोर्ट पाजेटिव आ गई। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है तो इलाके में दहशत का माहौल है और इस बीच अधिकारी जांच की दलील दे रही हैं।
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