नई दिल्ली — दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर 21 दिनों से लगातार धरने में बैठे किसानों के समर्थन में पहुंचे संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली है । घायल अवस्था में उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इस बीच संत बाबा का एक सुसाइड नोट भी सामने आया है। जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उनके हक के लिए खुद को गोली मारकर आवाज बुलंद की है। संत बाबा सिखों की नान कसर संप्रदाय से जुड़े हुए थे नान कसर संप्रदाय में उनका बहुत ऊंचा स्थान माना जाता है।
बता दें कि बाबाजी के सेवादार गुरमीत सिंह ने घटना की पुष्टि की है। घटना के बाद उनका शव केसीजीएमसी पहुंचा लेकिन अनुयायियों ने उनका पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया फिलहाल उनके पार्थिव शरीर को नानकसर गुरुद्वारा सिंघरा ले जाया गया है। वहां हजारों अनुयायी एकत्रित हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि संत बाबा राम सिंह के अचानक खुद को गोली मार लेने की घटना से हड़कंप मच गया। घटना के बाद तनाव की स्थिति है हालांकि मौके पर भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है।
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गौरतलब हैं कि संत बाबा राम सिंह (उम्र 65 वर्ष) का सुसाइड नोट पंजाबी भाषा में लिखा मिला है जिसका का हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है। उन्होंने लिखा की किसानों का दुख देखा है, अपने हक के लिए सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है, सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है जो कि जुल्म है। जो जुल्म करता है वह पापी है ,जुल्म सहना भी पाप है, किसी ने किसानों के हक के लिए तो किसी ने जुल्म के खिलाफ कुछ किया है। किसी ने पुरस्कार वापस करके अपना गुस्सा जताया है, किसानों के हक के लिए,सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है, यह जुल्म के खिलाफ आवाज है,यह किसानों के हक के लिए आवाज है। वाहेगुरु जी खालसा,वाहेगुरु जी की फतेह।
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संत बाबा राम सिंह के सुसाइड घटना की जानकारी लगते ही दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट करते हुए शोक संवेदना प्रकट की है। और कहा कि एक महान व्यक्ति थे जिन्होंने अपना जीवन लोगों के लिए समर्पित कर दिया मैं सभी से कुछ शांत रहने की अपील करता हूं क्योंकि कुछ लोग इसका इस्तेमाल शरारत के लिए कर सकते हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद सिंह केजरीवाल ने ट्वीट कर कहां है कि संत बाबा राम सिंह जी की आत्महत्या की खबर बेहद पीड़ा दाई है। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं हमारा किसान अपना हाथ ही तो मांग रहा है। सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए और तीनों काले कानून वापस लेने चाहिए।
संत बाबा राम सिंह जी की आत्महत्या की ख़बर बेहद पीड़ादाई है। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 16, 2020
हमारा किसान अपना हक़ ही तो मांग रहा है, सरकार को किसानों की आवाज़ सुननी चाहिए और तीनो काले कानून वापस लेने चाहिए। pic.twitter.com/TWFpi47vCW
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कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं और श्रद्धांजलि। कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं,मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है। जिद्द छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी कानून वापस लो।
करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ और श्रद्धांजलि।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 16, 2020
कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है।
ज़िद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी क़ानून वापस लो! pic.twitter.com/rolS2DWNr1
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पंजाब के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि इस दुख की घड़ी में हमारी संवेदनाएं संत बाबा राम सिंह के परिवार के साथ हैं।
Extremely shocked and saddened on learning of the tragic news of Sant Ram Singh ji of Nanaksar Singhra wale from Karnal ending his life at Singhu Border in protest against the Centre’s Farm Laws. My prayers are with his family and supporters in this time of grief.🙏 pic.twitter.com/xcAftiWvwc
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) December 16, 2020
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गौरतलब है कि संत बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे और गुरुद्वारा साहिब नान कसर सिंघरा गांव की सीट पर थे।बाबा जी के हरियाणा और पंजाब में ही नहीं दुनियाभर में लाखों की संख्या में प्रशंसक व अनुयायी हैं।यहां बताने लायक है कि कुंडली बॉर्डर पर केंद्र के तीन नए कृष कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन में मंगलवार को एक किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।
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