उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर में एक अनोखी शादी देखने को मिली .यहा पिपरौली ब्लांक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में मां और बेटी ने अपने-अपने जीवनसाथी चुने. यहां एक ही मंडप में मां और बेटी दुल्हन बन सात फेरे लिए। यहां पहले 55 साल की बेली देवी ने अपनी बेटी इंदू का कन्यादान किया. उसके बाद उन्होंने अपने नए जीवनसाथी के साथ फेरे लिए. इस मुुुुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में 63 जोड़ो ने विवाह रचाया। इस शादी को लेकर खूब चर्चा हुई।
बता दें कि कुरमौल गांव के 55 वर्षीय जगदीश का अभी तक विवाह नहीं हुआ था उन्होंने रिश्ते में सभी बड़ी भाभी बेला देवी उम्र 55 वर्ष से विवाह के सात फेरे लिए। दरअसल बेली देवी के पति और जगदीश के भाई की मौत 25 साल पहले हो गई थी जगदीश के तीन भाई थे जिसमें में सबसे छोटा है। जगदीश का अभी तक विवाह नहीं हुआ था जहां वह परिवार की रजामंदी से अपने बड़ी भाभी से शादी करने का फैसला किया।
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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में उम्र के आखिरी पड़ाव बेला देवी ने अपने देवर से शादी करने का फैसला किया । बेली देवी के 2 बेटे व 3 बेटियों की शादी पहले ही हो चुकी है। सबसे छोटी बेटी इंदु की की शादी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के तहत गुरुवार को सहजनवा के पाली गांव के राहुल के साथ हुई। इसी मंडप में बेली देवी और जगदीश ने शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया।वहां आए लोगों के लिए अपने आप में यह अनोखी शादी थी।
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