कुदरत का कमाल: यह पेड़ जैसे-जैसे छोड़ता है अपनी छाल, दिखने लगता है हूबहू ‘इंद्रधनुष’,की तरह
भारतीय वन सेवा अधिकारी (IFS) ने ट्विटर पर इस पेड़ की अद्भुत तस्वीरें शेयर कीं, तो लोग इसे देखते ही रह गए। बता दे कि इस पेड़ का नाम यूकेलिप्टस डिग्लुप्टा है, जिसे 'रेनबो यूकेलिप्टस' (नीलगिरी) के नाम से भी जाना जाता है।

यदि आप यह सोच रहे हैं कि यह कोई इमेज या फिर कोई तस्वीर है तो आप का सोचना बिल्कुल गलत है जी हां यह सच में एक वृक्ष है, जो इंद्रधनुष की तरह रंग-बिरंगा है। बता दे कि यह वृक्ष जब अपनी छाल छोड़ने लगते हैं, तो किसी ‘ रेनबो ‘ से कम नहीं लगते! तब इनकी तस्वीरें भी बेहद लाजवाब आती हैं। जब सोमवार को भारतीय वन सेवा अधिकारी (IFS) सुशांत नंदन ने इस पेड़ की अद्भुत तस्वीरें ट्विटर पर शेयर कीं,
जानिए किन देशों में पाया जाता है यह वृक्ष
ये अद्भुत और अविश्वसनीय वृक्ष मुख्य रूप से हवाई, फिलीपींस, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी के साथ-साथ कैलिफोर्निया, टेक्सास और फ्लोरिडा के दक्षिणी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यदि आप वास्तव में यह समझना चाहते हैं कि रेनबो के रंगों में इस वृक्ष को कैसे रंगा जाता है, तो आपको इसके चित्रों को बहुत पास से देखना होगा।

इस तरह वृक्ष को इंद्रधनुष की तरह रंग मिलते हैं
इस वृक्ष की छाल प्राकृतिक रूप से अलग-अलग रंगों में बदल जाती है। जब इन पेड़ों की छाल साल भर छिलने लगती है तो उस पर इंद्रधनुष जैसे रंग दिखने लगते हैं। क्योंकि जैसे-जैसे नई छाल की प्रत्येक परत परिपक्व होती है, यह नीली, बैंगनी, नारंगी और लाल हो जाती है। ये वृक्ष नम जलवायु में पनपते हैं और सभी मौसमों में 3 फीट तक बढ़ सकते हैं।

सुन्दर ही नहीं, वृक्ष बहुत काम का है
स्थानीय वातावरण में वृक्ष 250 फीट तक बढ़ सकते हैं, लेकिन अमेरिका में वे केवल 125 फीट लंबाई तक बढ़ सकते हैं। बता दें कि साल 1929 में हवाई में ओआहू के वाहियावा बॉटनिकल गार्डन में पहला इंद्रधनुषी यूकेलिप्टस का पेड़ लगाया गया था। और हाँ, ये पेड़ न केवल देखने में सुंदर हैं, बल्कि इनके पत्तों से निकाले गए तेल का औषधीय प्रभाव भी माना जाता है!

क्या कभी सुना था इस वृक्ष के बारे में?
आईएफएस सुशांत नंदन इस फोटो को अपने टि्वटर अकाउंट में डालते हुए लिखा की रेनबो यूकेलिप्टस उत्तरी गोलार्ध में स्वदेशी एकमात्र यूकेलिप्टस का पेड़ है और यह दुनिया का सबसे रंगीन पेड़ है। इंद्रधनुष का प्रभाव तब बनता है जब हर मौसम में छाल छिल जाती है, नीचे ताजा, चमकीले रंग की छाल दिखाई देती है। उनके इस ट्वीट खूब तारीफ हो रही है और लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

The rainbow eucalyptus is the only eucalyptus tree indigenous to the northern hemisphere and happens to be the most colourful tree in the world.
— Susanta Nanda IFS (@susantananda3) March 15, 2022
The rainbow effect is created as the bark peels off throughout each season, revealing the fresh, bright coloured bark below. pic.twitter.com/zlycNQcQjd