Amazing and Unique Initiative:डबरा शहर के अभिनव कंप्यूटर सेंटर में पढ़ने वाले उन बच्चों की जो अपनी आंख में पट्टी बांधकर फर्राटे से किताबें पढ़ लेते हैं और गाड़ियां चलाते हैं. यह कोई जादू या दैविक शक्ति से नहीं बल्कि मेडिटेशन साइंस की वजह से मुमकिन हो रहा है.
Amazing and Unique Initiative:ग्वालियर -कहते हैं कि योग और साधना से सब कुछ संभव है योग के बिना स्वास्थ्य शांति और मुक्ति संभव नहीं है बिना पैसे खर्च कर योग और साधना से शरीर की ही ऊर्जा से शरीर को स्वस्थ कर मन को शांत बनाने की यह अनूठी परंपरा सदियों से चली आ रही है ऋषि मुनियों की यह अनूठी परंपरा विज्ञान को भी चुनौती दे रही है. जिन्होंने अपनी छोटी सी उम्र में कुछ बड़ा करने का ख्वाब आंखों में सजाया और अब उस ख्वाब को साकार करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.
खास बात ये है कि इनके सजाए हुए ख्वाब का असर अब दिखने लगा है. हम बात कर रहे हैं अभिनव कंप्यूटर सेंटर में पढ़ने वाले उन बच्चों की जो अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर किताबें नोटों पर अंकित और कलर हाथों की उंगलियों को फेर कर पढ़ लेते हैं।
वही पर हम बात कर रहे हैं अभिनव कंप्यूटर सेंटर पर थर्ड आई एक्टिवेशन क्लास संचालित करते हैं.जिसे मिड ब्रेन एक्टिवेशन भी कहा जाता है इसमें बच्चों के दिमाग को तेज किया जाता है. बच्चों की याददाश्त को बढ़ाया जाता है. जिससे कोई भी चैप्टर को बच्चे जल्दी से याद कर लेते हैं. इसके साथ ही बच्चे हर क्षेत्र में जैसे फिजीकली एवं प्रेक्टिकली व दिमागी प्रतिभाएं निखर कर सामने आती हैं. इसके अलावा क्लास में छात्रों को एक्सरसाइज, योगा, जुंबा डांस आदि सिखाते हैं. जिससे बच्चे दिमागी तौर पर तेज होने के साथ-साथ उनका आईक्यू लेवल तेज हो जाता है और वह हर क्षेत्र पर अपनी प्रतिभा दिखाने में सक्षम हो जाते हैं.
साइकोलॉजी और क्वांटम फिजिक्स का है कमाल
ट्रेनर अनुराग बताते हैं कि ये सारी शक्ति आपकी इंद्रियों पर निर्भर करती हैं. इसका टाइम से कोई लेना देना नहीं है. वो बताते हैं कि आम लोगों को पूरी तरह से ट्रेंड होने में काफी वक्त लग जाता है, पर इन बच्चों ने केवल 10 दिन में इसे सीख लिया है. ये इस पर निर्भर करता है कि कौन कितनी रुचि लेकर इस पर अपना हंड्रेड परसेंट काम कर रहा है. ये सब साइकोलॉजी और क्वांटम फिजिक्स से मुमकिन है. अनुराग ने ये भी कहा कि अगर इन बच्चों को 10 दिन और ट्रेन किया जाए तो ये पूरी किताब पढ़ सकेंगे. यहां कई ऐसे भी बच्चे हैं जो आंख में पट्टी बांधकर गाड़ी चलाते हैं.
वाराणसी में भी संचालित है ऐसा ही इंस्टिट्यूट
बनारस में मिड ब्रेन एक्टिवेशन नाम से ये ट्रेनिंग सिगरा फिटनेस प्लानेट व रविंद्रपुरी स्थित अबेकस एंड अबेकस में सिखाया जा रहा है। 36 से 40 घंटे की इस ट्रेनिंग में किसी विशिष्ट के लिए नहीं बल्कि सामान्य बच्चों के लिए है। इस ट्रेनिंग सेंटर में बच्चों को इस तरह से तैयार किया जाता है कि वह सिर्फ स्पर्श कर, सूंघ कर सारी चीजों को समझ लें. साथ ही वह शब्दों को भी उनके आकार और रंग को समझ सकें। ट्रेनिंग के पहले व दूसरे दिन छह-छह घंटे एक्सरसाइज कराया जाता है.ये कोई चमत्कार नहीं बल्कि वेद, योग और ध्यान के जरिये बच्चों को ऐसे तैयार किया जा रहा है।