Self-marriage Sologamy : जानिए क्या है सोलोगैमी का मतलब, इस वजह से लड़कियां खुद से करने लगी शादी,
Self-marriage Sologamy: Know what is the meaning of Sologamy, because of this girls started marrying themselves, Sologami

Self-marriage Sologamy : इंटरनेट पर एक शादी सुर्खियों में है इसके पीछे वजह यह है की लड़की किसी लड़के से शादी नहीं की बल्कि वह अपने आप से शादी करने की बात कह रही है दरअसल किसी भी शादी के लिए सबसे जरूरी होता है दूल्हा और दुल्हन लेकिन आज हम जिस शादी की बात कर रहे हैं उस शादी में कोई कपल नहीं है बल्कि सिर्फ दुल्हन ही है जो खुद से शादी कर रही है.
Self-marriage Sologamy : सोलोगैमी (Sologamy) खुद से प्यार करने का एक अलग कॉन्सेप्ट है सोलोगैमी (Sologamy) शब्द आजकल बहुत चर्चा में है. और हर जगह केवल एक ही बात का उल्लेख है कि गुजरात की क्षमा की बात सोलोगैमी को स्वीकार कर रही है, आखिरकार, आपको पता होना चाहिए कि सोलोगैमी (Sologamy) क्या है, और यह महिलाओं के बीच इतना लोकप्रिय क्यों हैं.
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आपने शायद मोनोगैमी के बारे में सुना है, लेकिन क्या आपने कभी सोलोगैमी (Sologamy) के बारे में सुना है? हाल के दिनों में एकल खेलों का उल्लेख काफी आम हो गया है, क्षमा बिंदू नाम की महिला भी अपने अकेलेपन को लेकर आए दिन चर्चा में रहती है, लेकिन, अकेलापन क्या है, और इसकी चर्चा हर जगह क्यों हो रही है? आइए जानते हैं क्यों ज्यादातर महिलाएं अकेलेपन का अनुभव कर रही हैं. Self-marriage
सोलोगैमी क्या है
मूल रूप से, सोलोगैमी (Sologamy) का अर्थ है किसी व्यक्ति से स्वयं से विवाह करना, सोलोगैमी को ऑटोगैमी भी कहा जाता है, अकेलेपन को स्वीकार करने वालों का कहना है, कि यह आत्म-मूल्य और आत्म-प्रेम (Self Love) की ओर एक कदम है, इसे सेल्फ मैरिज (Self Marriage) भी कह सकते हैं,सोलोगैमी को भले ही कानूनी मंजूरी न मिली हो लेकिन सोलोगैमी करने वाले ज्यादातर लोग सामाजिक समारोहों का आयोजन करते हैं फिर शादी रचाते हैं.
विश्व स्तर पर यह ज्यादातर महिलाओं में प्रचलित है, जिसका अर्थ है, कि महिलाएं इसे अपनाने के प्रति अधिक प्रमुख प्रतीत होती हैं, गुजरात की रहने वाली 24 साल की क्षमा बिंदु 11 जून को खुद से शादी करने वाली है, जहां वह अपने आप को ही सिंदूर भरेंगे और फेरे लेंगी, यह कहते हुए खेद है कि वह कभी किसी लड़के से शादी नहीं करना चाहती थी, लेकिन उसे दुल्हन बनना है. Self-marriage
क्षमा के लिए सोलोगैमी (Sologamy) एक प्रकार की आत्म-स्वीकृति है, स्वयं को स्वीकार करने का एक तरीका है, यही कारण है कि वह यह कदम उठाने जा रही हैं. अब सवाल यह उठता है, कि ज्यादातर महिलाएं अकेलेपन की ओर क्यों झुक रही हैं, या फिर खुद से शादी क्यों कर रही हैं, दरअसल, यह कदम उठाने की कई वजहें हैं. Self-marriage

सोलोगैमी (Sologamy) अपनाने की मुख्य वजह
कई महिलाएं अकेलेपन को स्वीकार करती हैं क्योंकि उनका मानना है, कि वे अपने साथी के साथ जो खुशी महसूस करती हैं, उसे कभी साझा नहीं कर पाएंगी.
कुछ के लिए, एकलवाद का अर्थ है कि वे जीवन और स्वयं से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं, एक व्यक्ति से नहीं.
कई लड़कियां ऐसी होती हैं, जो लड़के से शादी नहीं करना चाहती हैं, वो भी अकेलापन अपना रही हैं.
कई महिलाओं को सही व्यक्ति न मिलने पर भी खुद से शादी करने में आराम व सुकून मिलता हैं.
इसमें कोई शक नहीं कि महिलाएं सालों से चली आ रही मान्यताओं से चिपके रहने के बजाय आगे बढ़ रही हैं, अकेलापन उनके लिए शादी जैसे मुद्दों को दूर करने का एक तरीका हो सकता है, जिसे कोई सुलझा सकता है.
भारतीय समाज इसे प्रतीकात्मक विवाह मान सकता है. यह ‘आत्मप्रेम’ की संकल्पना को दिशा देने वाला कार्य है.
कुछ लोग अपनी आजादी के साथ समझौता नहीं करते हैं. उन्हें किसी सामाजिक बंधन में नहीं बंधना होता है. ऐसे में लोग सोलोगैमी की राह पकड़ लेते हैं.
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