Son cheated : फिल्मों में अक्सर बेटे अपने पिता को (property) प्रॉपर्टी के लिए घर से निकाल देते है. बुजुर्ग पिता को अलग कर पग-पग पर खाने को मजबूर है उनको ऐसा नहीं करना चाहिए अपने पिता के साथ थी एक पिता अपना सबकुछ होकर अपने बेटे को आगे बढ़ाने के लिए सब कुछ अपना दांव पर लगा सकता है .ऐसी है 26 साल तक सेना (army for 26 years) में सेवा देने वाले वयोवृद्ध बिशन दास (Veteran Bishan Das ) की कहानी। 75 वर्षीय बिशन दास (75 year old Bishan Das) सेवानिवृत्त सूबेदार (retired subedar) है.26 साल काम किया और घर बनाया। बड़ा बेटा पुलिस में इंस्पेक्टर है. और दूसरा इंजीनियर है. लेकिन बिशन दास किराए के मकान में रहने को मजबूर है. क्योंकि उनके बेटों ने उन्हें घर से निकाल दिया है. दोनों में से कोई भी इन्हें रखने को तैयार नहीं है.
Son cheated : पंजाब पुलिस में (inspecter) इंस्पेक्टर का बेटा 10 साल से अलग रह रहा है और छोटा बेटा वही दूसरे इंजीनियर बेटे ने 2021 में उसे अपने ही घर से निकाल दिया. विशन दास को बेघर कर दिया है 2021 में ही जिला प्रशासनिक परिसर स्थित एसडीएम-1 के न्यायालय में वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. लगभग एक साल तक चले इस मामले में 5 मई 2022 को उनके पक्ष में फैसला सुनाया गया और एसडीएम ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम, 2007 की धारा 239 (1) के तहत बिशन दास को आवास देने का फैसला किया। एक साल बीत जाने के बाद भी कोई बुजुर्ग बिशन दास को रखने को तैयार नहीं है. और न ही मकान का कब्जा दिया जा रहा है.
बुजुर्ग बिशन दास आदमपुर में किराए के मकान में रहता है .और कभी-कभी अपनी बेटी के साथ रहता है. बेटों के साथ नहीं रहता है. वह किराए के मकान में रहता है क्योंकि उसकी अपने बेटे खुद उन्हें छोड़ दिए हैबिशन दास 1967 में सेना में शामिल हुए और 1991 में सेना की 117 इंजीनियर रेजिमेंट से नायब सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए बिशन दास ने कहा कि वह पिछले सप्ताह भी शुक्रवार को एसडीएम कार्यालय गए थे, वहां नए अधिकारी थे. उन्होंने कहा कि वह केस पढ़ने के बाद ही बोल सकते है. उन्होंने कहा कि एक साल से न तो प्रशासन उन्हें कब्जा दे रहा है. और न ही पुलिस उनकी मदद कर रही है. बिशन दास ने कहा कि आदमपुर क्षेत्र के कुछ प्रशासनिक अधिकारी मामले को लटकाना चाहते हैं.
एक 75 साल के बुजुर्ग की कहानी – किराएदार के साथ रहकर अपनी बेटी के साथ रहना
विशाल न दास अपनी आपबीती सुनाते हुए कई बार रोए पछताए और कहा कि आखिर भगवान ने उन्हें उनके साथ ऐसा क्यों किया आखिर मैंने ऐसा क्या किया है जो मुझे इतनी बड़ी सजा मिल रही है मुझे अपनी खुद की भी तूने घर से निकाल दिया है उन्होंने अपने बेटों को पढ़ाया है.अब इस हालत में उन्हें कोई रखने को तैयार नहीं है.उनकी पत्नी हरबंस कौर का 2018 में निधन हो गया था बेटों ने अपना घर ले लिया और मुझे बाहर निकाल दिया बेटों को संपत्ति हस्तांतरित करना सबसे खराब फैसला था आज मैं खुद बेघर हूं।
एसडीएम की अदालत में उनके पक्ष में फैसला आए एक साल हो गया है.वे 40 से अधिक बार डीसी कार्यालय का दौरा कर चुके है लेकिन उन्हें ऐसा कुछ भी नहीं कर पाया उनके मकान का कब्जा नहीं दिया जा रहा है काफी दुखी थे कि उनके साथ इतना बड़ा अन्याय हो रहा है आखिर कब तक यह सब होगा मैं थक गया Son cheated