Apple:प्रधानमंत्री मोदी सरकार IndOS नाम के एक ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर रही है जो गूगल के एंड्रॉयड और एप्पल के iOS ऑपरेटिंग सिस्टम ( Apple’s iOS operating system )जैसी दिग्गज कंपनियों को टक्कर देने की तैयारी में दिन रात काम कर रही है.
इस ऑपरेटिंग सिस्टम के शुरू होने के बाद यूज़र को ज्यादा सिक्योरिटी मिलेगी ( Security will be available ) और मोबाइल मार्केट में गूगल और एप्पल के एकतरफा बादशाहत को खत्म किया जा सकेगा. सरकार के इस फैसले के बाद एप्पल और गूगल को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है.
100 करोड़ मोबाइल यूजर्स को सपोर्ट करेगा
दावा किया जाता है कि BharOS के पास करीब 100 करोड़ मोबाइल यूजर्स हैं. साथ ही इस गाने का सॉफ्टवेयर ओएस के मुकाबले काफी सुरक्षित रहेगा। मुझे पता है कि यह एक खास जगह है. Apple
डिफॉल्ट ऐप में कोई दिक्कत नहीं होगी
मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम bharos उपयोगकर्ताओं को आवश्यक ऐप्स इंस्टॉल करने की ( To install apps ) अनुमति देता है. फिलहाल जीमेल, क्रोम, यूट्यूब जैसे ऐप गूगल और आईओएस सॉफ्टवेयर में डिफॉल्ट रूप से मौजूद हैं, जिन्हें यूजर्स चाहकर भी हटा नहीं सकते। इससे यूजर्स के मोबाइल ऐप्स के लिए काफी जगह खाली हो जाएगी.
OS अपडेट के लिए प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है
BharOS के उपयोगकर्ताओं को समय पर सॉफ्टवेयर अपडेट उपलब्ध कराया जा सकता है. जिसके लिए यूजर्स को अभी इंतजार करना होगा. Apple
मनमाना शुल्क से मुक्ति मिलेगी
BharOS के लॉन्च के बाद स्मार्टफोन की मूल्य ( Smartphone price ) में गिरावट आ सकती है। क्योंकि अभी स्मार्टफोन यूजर्स को ओएस के लिए गूगल पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में गूगल की ओर से मनमाना फीस वसूला जाता है। ऐप डिवेलपर्स के लिए यह बड़ी राहत हो सकती है। इन-ऐप बिलिंग पर टैक्स काटा जा सकता है. Apple
नोट – BharOS एक ऑपरेटिंग सिस्टम है. हालांकि इसके बारे में अधिक जानकारी मौजूद नहीं है.