हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की संपत्ति में इजाफा हुआ है। यही कारण है कि वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में 12वें स्थान पर पहुंच गए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंबानी ने corona के दौरान कंपनी से कोई वेतन नहीं लिया। उन्होंने अपना वेतन छोड़ दिया है। हालांकि उनकी पत्नी नीता अंबानी ने भी हर मुलाकात के लिए 8 लाख रुपये और कमीशन लिया। रिलायंस की ताजा सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है।
रिलायंस ग्रुप की एनुअल जनरल मीटिंग 24 जून को होने वाली है. लेकिन उससे पहले कंपनी ने अपनी सालाना रिपोर्ट जारी किया है . जिसके मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अंबानी का पारिश्रमिक ‘शून्य’ रहा. कोरोना महामारी में लोगों की आर्थिक मदद एवं सहायता देने के लिए उन्होंने अपना वेतन नहीं लिया. इन पैसों से कंपनी के कर्मचारियों की मदद की गई. मालूम हो कि इससे पिछले वित्त वर्ष में उन्होंने कंपनी से 15 करोड़ रुपए बतौर वेतन लिया था. दिलचस्प बात यह है कि वह पिछले 15 सालों से इसी वेतन पर टिके हुए हैं. उन्होंने अपनी सैलरी में बढ़ोत्तरी नहीं करवाई है.
पत्नी और चचेरे भाई को कितना मिलता है पैसा
अंबानी की पत्नी नीता अंबानी, जो कंपनी के बोर्ड की गैर-कार्यकारी निदेशक हैं, ने प्रत्येक बैठक के लिए 8 लाख रुपये का शुल्क लिया। इतना ही नहीं उन्हें 1.65 करोड़ रुपये का कमीशन भी मिला। वहीं, अगर अंबानी के चचेरे भाई निखिल और हिताल मेसवानी की तनख्वाह की बात करें तो उनका वेतन 24 करोड़ रुपये पर बरकरार रहा, लेकिन इस बार इसमें 17.28 करोड़ रुपये का कमीशन शामिल है।
दूसरे मेंबर्स की सैलरी में हुआ इजाफा
कंपनी के कार्यकारी निदेशक पी एम एस प्रसाद और पवन कुमार कपिल के वेतन में इस बार बढ़ोतरी हुई है. प्रसाद को वित्त वर्ष 2020-21 में 11.99 करोड़ रुपए मिले. जबकि पिछले वर्ष उन्हें 11.15 करोड़ रुपए मिले थे. पवन कुमार कपिल की सैलरी में भी बढ़ोत्तरी हुई है. इस बार उन्हें 4.24 करोड़ रुपए बतौर पारिश्रमिक मिला है. पहले ये 4.04 करोड़ रुपए था. इसके अलावा दूसरे सभी स्वतंत्र निदेशकों को 1.65 करोड़ रुपए का कमीशन और 36 लाख रुपए तक बैठक शुल्क मिला है.