Toyota Kirloskar Mirai : कोरोना महामारी के बाद से लगातार डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं. पेट्रोल डीजल से जहां एक तरफ प्रदूषण बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है ऐसे में सरकार अब प्रदूषण कम करने वह पेट्रोल डीजल में आत्मनिर्भरता को कम करने के दृष्टिकोण से सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर विशेष जोर दे रही है। देश की पहली ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल कार बुधवार को लांच हुआ है। इस कार को देश में गेम चेंजर के तौर पर देखा जा रहा है. इसे नितिन गडकरी समेत चार केंद्रीय मंत्रियों ने बुधवार को अविष्कार किया।
आने वाले समय में ऐसे वाहनों की खूब बिक्री होगी
ग्रीन हाइड्रोजन पावर्ड कार को फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अविष्कार किया जा रहा है। अगर यह कार सफल होती है तो आने वाले समय में ऐसे वाहन पूरे देश में बेचे जाएंगे। ऐसी कारों को चलाना पेट्रोल और सीएनजी कारों की तुलना में काफी सस्ता होगा।
कम हुआ पेट्रोल और सीएनजी पर खर्च
हरे हाइड्रोजन से चलने वाली कार चलाने पर 1 रुपये प्रति किमी से भी कम खर्च आएगा। जबकि पेट्रोल से चलने वाली कार की कीमत 5-7 रुपये प्रति किमी है। दूसरी ओर, एक सीएनजी कार की कीमत 3 रुपये से 4 रुपये प्रति किमी तक होती है।
कई सारे केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे
इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी और ऊर्जा मंत्री और भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय उपस्थित थे।
अब हुआ पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
परिवहन मंत्रालय ने बुधवार को हाइड्रोजन से चलने वाली कारों यानी फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट लांच किया। इस पायलट प्रोजेक्ट में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर की एफसीईवी टोयोटा किर्लोस्कर मिराई कार शामिल होगी।
इलेक्ट्रिक वाहन होंगे तेज
टोयोटा ने इस कार को इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के सहयोग से विकसित किया है। यह देश में ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर चलने वाली पहली कार है। गौरतलब है कि इस इलेक्ट्रिक वाहन की स्पीड अन्य तेज वाहनों के मुकाबले ज्यादा होगी। पलक झपकते यह गाड़ी फर्राटे भरने लगेगी।
1 KM से कम आएगा खर्चा
इस नई लांच कार की खासियत है कि यह महज 5 मिनट में हाइड्रोजन से भर जाएगी और फिर 550 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकेगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि अब 6 से 7 डॉलर (करीब 500 रुपये) में यह वाहन 1 किलो हाइड्रोजन से 550 किलोमीटर तक चलेगी. 500 रुपये में 550 रुपये तक का सफर करने में करीब 90 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च आएगा।
प्रदूषण का खतरा होगा कम
जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ेगी, कारें सस्ती होंगी और लोगों को ना केवल महंगे पेट्रोल और डीजल से छुटकारा मिलेगा बल्कि प्रदूषण में भी कमी होगी। मिलेगा ग्रीन हाइड्रोजन पर चलने वाले वाहनों से प्रदूषण का कोई खतरा नहीं होगा और पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधन की कमी नहीं होगी। इसका बजट आम इंसान के अंडर में भी आ सकता है।