Soap changed the fate of women : जहा एक तरफ इंसान अपने उपयोग के लिए साबुन खरीदता है वही एक खास जानकारी यह भी है की मध्य प्रदेश के उमरिया जिले का एक छोटा सा गांव अब हर्बल साबुन बेचने के लिए राज्य और देश भर में जाना जाता है। यहां बात की जा रही मानपुर के डोड़का गांव की…जिसने देश-प्रदेश में नया मुकाम हासिल किया है। दरअसल, इस गांव में एक टीम है जो 2017 से हर्बल साबुन बना रही है. इस व्यवसाय ने यहां की महिलाओं को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाया है बल्कि उन्हें एक नई पहचान भी दी है. सभी महिलाए कमा रही है,इतना ही नहीं एमपी का ये साबुन अब अलग-अलग जगहों पर जा रहा है… जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं.वही लोग एक नहीं दो नहीं बल्कि 12 साबुन एक बार में खरीद लेते है।
क्या आप जानते हैं इस साबुन में क्या है खास?
एक दिन ऐसा था की महिलाओ की आर्थिक स्तिथि कभी बहुत कमजोर हुआ करती थी वही, ग्रामीण महिलाएं जो व्यवसाय के बारे में रत्ती भर भी नहीं जानती थीं वे आज अपना स्वदेशी हर्बल साबुन बनाकर विकास की नई कहानियां लिख रही हैं। जिले में इसके उत्पादन की मांग तो है ही, देशी-विदेशी पर्यटक भी इस एमपी साबुन को पसंद कर रहे हैं. हर्बल साबुन बनाने में ग्लिसरीन, नीम जैसे आयुर्वेदिक तत्वों का उपयोग किया जाता है जो इसे खास बनाता है। बताया जाता है की यह खारे से खारे पानी को काट देता है वही खाज खुजली की भी समस्या नहीं होती खुशबू की बात करे तो बेहद अच्छी होती है। Soap changed the fate of women
साबुन बनाने का यह कारोबार अब धीरे-धीरे बड़ा होने लगा है तो वहीं प्रशासन का भी सहयोग मिलने से कारोबार में तेजी आई है ऐसे में अब समूह के सदस्यों को एक नया बाजार मिलने की संभावना बढ़ गई है साथ ही प्रशासनिक सहयोग की वजह से अब सदस्यों की कमाई प्रति महीने ₹10000 तक पहुंच गई है डोडका की महिलाओं की हर्बल साबुन व्यवसाय की सफलता यह बताती है कि महिलाओं ने न केवल जीत और मेहनत की बल्कि लगातार मेहनत के साथ दृढ़ संकल्प रहने से उनका काम जोर पकड़ने लगा है ऐसे में अब गांव जुड़े लोगों में आत्मनिर्भरता सांप झलकने लगी है तो वही पूरे मध्य प्रदेश में इस गांव ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है साथ गांव का नाम भी रोशन हो रहा है। Soap changed the fate of women
