Uncertainty in the stock market : छोटे और retail investors को बड़ी पूंजी लगाने से बचने की सलाह. Stock market
नई दिल्ली, 27 जून – लगातार दो सप्ताह तक गिरावट का सामना करने के बाद पिछला businessman सप्ताह भारतीय Share Market के लिए मजबूती वाला सप्ताह रहा. वैश्विक संकेतों में सुधार होने और short covering के कारण घरेलू Share Market ने पिछले सप्ताह की तरह ही आज भी मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत की. इस तेजी के बावजूद Share Market के जानकारों का मानना है कि जून के derivative contracts की एक्सपायरी के कारण इस सप्ताह बाजार में भारी उतार-चढ़ाव की स्थिति बन सकती है. Stock market
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पिछले कारोबारी सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 1,368 अंक तेज होकर 52,727.98 अंक पर और निफ्टी 406 अंक की बढ़त के साथ 15,699.25 अंक के स्तर पर पहुंच गया था लेकिन रूस से सोने के सौदे पर अमेरिकी प्रतिबंध लगा दिए जाने के कारण वैश्विक संकेतों के एक बार फिर नरम पड़ जाने की आशंका जताई जा रही है. धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का मानना है, कि इस सप्ताह के घरेलू कारोबार पर वैश्विक बाजारों का प्रदर्शन, कच्चे तेल की कीमत और देश के अलग-अलग हिस्सों में मॉनसून की गति का भी असर पड़ेगा. Stock market
इसके साथ ही 30 जून को फिस्कल डेफिसिट और इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट के आंकड़े भी जारी होने वाले हैं, जबकि उसके अगले ही दिन 1 जून को एस एंड पी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डाटा भी रिलीज किया जाएगा. जाहिर तौर पर इन आंकड़ों का भी इस सप्ताह के दौरान घरेलू शेयर बाजार के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा. Stock market
प्रशांत धामी के मुताबिक अमेरिका के जीडीपी के तिमाही आंकड़े 29 जून को जारी होने वाले हैं. इस साल के अलग अलग महीनों के आंकड़ों से अभी तक जो संकेत मिले हैं, उसके मुताबिक जनवरी से मार्च 2022 के दौरान अमेरिका की इकोनॉमी में 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। 29 जून को जारी होने वाले 2022 की पहली तिमाही के आंकड़े में इसकी पुष्टि होने की उम्मीद की जा रही है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 1.5 प्रतिशत या इसके आसपास की गिरावट की अगर पुष्टि होती है, तो इसका असर वैश्विक स्तर पर पड़ेगा. जिससे भारतीय शेयर बाजार भी अछूता नहीं रहेगा. Stock market
इसी तरह फर्स्ट सिक्योरिटी सेल्स के एनालिस्ट विजय मोहन का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत का वैश्विक बाजारों के साथ ही घरेलू शेयर बाजार पर भी काफी असर पड़ेगा. इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि भारत अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत से ज्यादा कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार से खरीदता है. ऐसे में अगर कच्चे तेल की कीमत पर में तेजी आती है या गिरावट होती है, तो दोनों ही स्थितियों में भारतीय बाजार उससे सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित होगा. Stock market
दूसरी ओर रेलीगेयर ब्रोकिंग के वाइस प्रेसिडेंट अजीत मिश्रा का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की एक बड़ी वजह विदेशी निवेशकों द्वारा जमकर की जा रही बिकवाली है। जून के महीने में विदेशी निवेशक अभी तक 53,600 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं. इसके पहले मई के महीने में भी इन निवेशकों ने भारतीय बाजार में बिकवाली करके 54,300 करोड़ रुपये निकाले थे. Stock market
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इस बिकवाली के कारण विदेशी निवेशकों की ओर से साल 2020 और साल 2021 के दौरान घरेलू शेयर बाजार में किया गया निवेश अपने न्यूनतम स्तर पर आ गया है. इसकी वजह से घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की ओर से होने वाली बिकवाली का दबाव अब कम हो सकता है. जाहिर है कि अगर बाजार में बिकवाली का दबाव कम होगा तो उससे शेयर बाजार की स्थिति में सुधार आने की संभावना ज्यादा बनेगी. Stock market
बाजार में सुधार आने की संभावना जताने के बावजूद अमित मिश्रा मानते हैं कि शेयर बाजार फिलहाल काफी नाजुक दौर से गुजर रहा है। इसलिए कम अवधि के लिए निवेश करने वाले और खुदरा निवेशकों को फिलहाल बाजार में बड़ी पूंजी लगाने से बचना चाहिए। इन निवेशकों को बाजार की स्थिति पर लगातार नजर रखते हुए पूरी तरह से सोच समझ कर मजबूत कंपनियों के शेयरों में ही पैसा लगाने की योजना बनानी चाहिए. Stock market