सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से एक तस्वीर वायरल हो रही है। जो अखबार की कटिंग है। जहां एक अधिकारी अस्पताल में एक महिला मरीज के बिस्तर पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। फोटो के साथ कैप्शन में लिखा है, ‘जब हम मरीजों को देखने गए तो यह छत्तीसगढ़ के एक प्रशिक्षु अधिकारी सोनकर का अंदाज था। अब लोग कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ की यह ताजा घटना है. इस तस्वीर को लेकर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं. वैसे सोशल मीडिया की जनता भी इस तरह की तस्वीरें देखकर काफी गुस्से में है.इस फोटो को शेयर करने वाले ने लिखा है, ‘गनीमत है कि अभी ट्रेनी हैं, वरना जूता मरीज के सिर पर भी रख सकते थे साहब जी’ तो आइए हैं पूरी बात
मिली जानकारी के मुताबिक वायरल हो रही यह तस्वीर अभी की नहीं, बल्कि 2016 की है। तस्वीर में दिख रहे अधिकारी डॉ. जगदीश सोनकर हैं, जो उस समय छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज के अनुमंडल पदाधिकारी थे. सोनकर 2013 बैच के आईएएस हैं। वहीं, @pari_tweets नाम के एक यूजर ने 2016 में कन्नन गोपीनाथन के उस ट्वीट से एक ट्वीट शेयर कर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिससे यह खबर फिर सामने आई। इस ट्वीट में सोनकर की कुछ तस्वीरों के अलावा इस अखबार की कटिंग भी नजर आ रही है. तो इससे एक बात साबित होती है कि हालिया पोस्ट में किया गया दावा भ्रामक है। अर्थात इस पोस्ट का वर्तमान से कोई लेना-देना नहीं है।
गनीमत है कि अभी ट्रेनी हैं वरना जूता मरीज के सिर पर भी रख सकते थे साहब जी।😡😡 pic.twitter.com/lGZfP7gcBK
— Upsc Civil Services Exam (@UpscforAll) April 24, 2022
यह तस्वीर वायरल होने के बाद से कई तरह से जांच करने की कोशिश की। जब हमने Google रिवर्स इमेज का उपयोग करके समाचार पत्र काटने वाली तस्वीरों को खोजने की कोशिश की, तो खोज परिणामों में एक ही छवि वाले कई समाचार लेख मिले। 4 मई 2016 को मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। जहां लिखा है, यह दुखद घटना तब हुई जब डॉ. जगदीश सोनकर ने एक सरकारी अस्पताल का नियमित दौरा किया। इस दौरान उन्होंने इलाज करा रहे कुपोषित बच्चों की माताओं से बात करते हुए कहां था।
A probationer inspects a remote hospital. Being a Dr himself does check up too.
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) May 5, 2016
Guess which pic goes viral in media! pic.twitter.com/13NGP5y3PH