Bulbul Chaturvedi:हमारी देश की बेटियां किसी भी क्षेत्र में किसी से कम नहीं है. इस बात को साबित कर दिखाया है. विंध्य क्षेत्र की बेटी अभिनी ने विदेश की धरती में अपने हुनर का परिचय दिया है.
‘कहते हैं जिसके मन में जज्बा और जुनून हो तो मंजिले हासिल हो ही जाती है’ इस कहावत को चरितार्थ किया है विंध्य क्षेत्र की लाडली बेटी अवनी चतुर्वेदी ने रीवा की रहने वाली अवनी चतुर्वेदी ने। एयर फोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट बनने के साथ ही अब जापान की धरती में होने वाले युद्ध अभ्यास (combat drills) में हिस्सा लेने वाली देश की पहली महिला फाइटर पायलट बनकर इतिहास रचा है। स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी (Squadron Leader Avani Chaturvedi) ने भारत और जापान के बीच हयाकुरी एयरवेस मैं हो रहे युद्धाभ्यास वीर गार्जियन मिग सुखोई फाइटर प्लेन को उड़ाया है। अवनी के इस सफलता को लेकर विंध्य के लोग जहां गौरवान्वित हैं, वही अवनी की इस सफलता से अन्य लड़कियों को एक नई सीख मिलेगी।
Bulbul Chaturvedi – विदेश की धरती में इतिहास रचने वाली अवनी चतुर्वेदी को उसके परिजनों के द्वारा लाड प्यार से बुलबुल के नाम से भी पुकारा जाता है। लाडली बेटी बुलबुल का बचपन से ही उसने यह ठान लिया था कि 1 दिन आसमान की ऊंचाइयों को छूना है, और इस फाइटर प्लेन को उड़ा कर उसने अपने सपने को साकार कर दिखाया है। उनका परिवार मूल रूप से विंध्य क्षेत्र के सतना जिले के गोथिकंचन गांव (Gothikanchan village of Satna district) से मिलान करता है। लेकिन अवनी के परिजन रीवा में आकर अपना आशियाना बना लिए थे। बताया जाता है कि अवनी बचपन से ही हवाई जहाज और फाइटर प्लेन की छिछोरियों में मदमस्त (Intoxicated in the chichhoris of the fighter plane) रहती थी। उसके द्वारा अपने मां से यह कहा जाता था कि एक दिन मैं भी कल्पना चावला की तरह अपना नाम रोशन तो करूंगी ही साथ में माता-पिता एवं विंध्य क्षेत्र के साथ-साथ प्रदेश एवं देश का भी रोशन करूंगी। Bulbul Chaturvedi
विंध्य क्षेत्र की लाडली बेटी अवनी चतुर्वेदी के इस सफलता के बाद उनकी मां ने बताया कि कल्पना चावला (Kalpana Chawla) का जब दुर्घटना के दौरान निधन हो गया था, तो हम लोग इस बात की चर्चाएं आपस में करते थे। उस समय अवनी मात्र 10 वर्ष की थी। इसके बावजूद उसने बोली कि आप लोग चिंता मत करिए मैं भी कल्पना चावला की तरह बनकर दिखाऊंगी। घर की लाडली बुलबुल फाइटर प्लेन उड़ाने लगी, यह बात परिवार के लिए आश्चर्य से कम नहीं हो सकती है। Bulbul Chaturvedi
भारतीय वायुसेना की फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी (fighter pilot avni chaturvedi) के बारे में बताया गया कि वह जून 2016 में लड़ाकू स्क्वाड्रन शामिल हुई थी। इसके बाद वर्ष 2018 में अकेले मिग-21 फाइटर प्लेन उड़ाने वाली महिला फाइटर पायलट में शामिल हुई थी। अवनी चतुर्वेदी हाल-फिलहाल सुखोई 30 एमकेआई फाइटर प्लेन उड़ा रही है। Bulbul Chaturvedi
विंध्य क्षेत्र की लाडली बेटी बुलबुल के पिता दिनकर तिवारी बाणसागर परियोजना के देवलौंग ने इंजीनियर (Devlong of Dinkar Tiwari Bansagar project, Engineer) के रूप में पदस्थ थे। बुलबुल और उनके बड़े भाई नीरभ्र की पढ़ाई आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मे हुई थी। प्राथमिक शिक्षा के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए राजस्थान की वनस्थली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद भारतीय वायु सेना में चुनी गई अवनी चतुर्वेदी की ट्रेनिंग हैदराबाद एयर फोर्स एकेडमी में हुई थी. Bulbul Chaturvedi