CM Shivraj सरकार की शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है. अब एमपी एजुकेशन पोर्टल (mp education portal) प्रदेश शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहा है. आंकाड़ों के अनुसार पूरे मध्यप्रदेश के 74 हजार सरकारी स्कूलों में से 2621 हजार स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है. वही सिंगरौली में 266 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है. सिंगरौली के स्कूलों की हालत वेंटीलेटर में पहुंच गए हैं.
CM Shivraj Singh chauhan भोपाल: मध्यप्रदेश में इसी साल चुनाव होने वाले हैं जिसके चलते एक बार फिर विकास का सरकारी प्रपोगेंडा शुरू हो चुका है. दाबों और वादों का सिलसिला तेज हो गया है सीएम शिवराज सिंह हर मंच से कहते हैं कि मेरा लक्ष्य है कि सरकारी स्कूलों को ऐसा हाईटेक बना दूं कि हर गरीब का बेटा बेटी बेहतर शिक्षा प्राप्त करें तो वही 80% से ज्यादा अंक आने वाले छात्रों को फ्री में शिक्षा देने का दावा करते हैं लेकिन सवाल ये हैं कि जब बच्चों की नींव ही कमजोर होगी तो वह 80% अंक कहां से लाएंगे. यहां बता दें कि पिछले लगभग 18 साल से भाजपा का शासन है.
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान 1 साल को छोड़ दे तो करीब 18 साल से मध्य प्रदेश की सरकार चला रहे हैं. मध्यप्रदेश की स्कूलों में टीचर (mp shortage teachers) है ही नहीं. जी हां, ये हम नहीं बल्कि एमपी एजुकेशन पोर्टल प्रदेश (mp education portal) शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहा है. वही जो शिक्षक हैं भी तो उन्हें पढ़ाई कराने के अलावा भी कई जिम्मेदारियां दी गई हैं ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कितनी बेहतर ढंग से होगी यह शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक बखूबी जानते हैं. सरकारें जवाबदेही के साथ जनता के सामने अपने रिपोर्ट कार्ड नहीं रख रही बल्कि प्रोपेगेंडा परोस रही हैं.CM Shivraj
10 हजार ज्यादा स्कूल में बस एक शिक्षक
एमपी एजुकेशन पोर्टल के मुताबिक पूरे मध्यप्रदेश के 74 हजार सरकारी स्कूलों में से 2621 हजार स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है. जबकि प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. मध्य प्रदेश की ऊर्जा धानी में भी कमोबेश यही स्थिति है यहां 266 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है जबकि 562 ऐसे स्कूल है जहां केवल एक शिक्षक के भरोसे बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा है.अब आप ही सोचिए कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो कैसे स्कूलों का रिजल्ट सुधरेगा और बच्चों के उज्जवल भविष्य साकार हो पाएंगे ?CM Shivraj
जानिए क्या स्थिति स्कूलों की
– प्रदेश के 10 हज़ार से ज्यादा स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे हो रहे संचालित
– प्रदेश में 40 हजार के करीब अतिशेष शिक्षक स्कूलों में खाली बैठे.
– प्रदेश के 2621 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं, जबकि 10043 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के सहारे
जानिए सिंगरौली जिले में स्कूलों की स्थिति
– जिले में 266 स्कूल ऐसे हैं जिनमें एक भी शिक्षक नहीं है
– जिले के 562 स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे हो रहे संचालित
– जिले में शिक्षकों के 8152 पद स्वीकृत है लेकिन महज 4954 शिक्षकों के जिम्में संचालित है स्कूल
– जिले में 60% से ज्यादा शिक्षकों के पद रिक्त
ट्रांसफर बनी गले की फांस!
बता दें कि एजुकेशन पोर्टल पर अतिशेष शिक्षकों की सूची सामने आने के बाद शिक्षा अधिकारी नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सरकार की नीतियों की वजह से भी स्कूलों की दयनीय हालत हुई है. सरकार ने टीचरों से मनपसंद ट्रांसफार्मर के लिए फार्म भरवा लिए और मनचाहा ट्रांसफर देने के कारण हर जिले के ग्रामीण स्कूल के शिक्षकों ने शहरी स्कूलों में अपना ट्रांसफर करवा लिए. इन हालातों में स्थानांतरण के बाद ग्रामीण स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो गई. हालात सुधरने के बजाय और बिगड़ गए हैं. ये स्थिति ट्रांसफर के दौरान पहले से सरप्लस शिक्षकों के समायोजन न करने की वजह से बनी है. अब परीक्षाएं होने को महज एक महीना बचा है ऐसे में बच्चों के भविष्य का क्या होगा इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?CM Shivraj
सरकारी स्कूलों की संख्या, एनरोलमेंट और शिक्षकों में वृद्धि हुई है?
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, भारत सरकार की वेबसाइट के अनुसार वर्ष 2015-16 में मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों की संख्या 1,21,976 थी जो वर्ष 2021-22 में घटकर 92,695 रह गई। यानी पिछले पांच सालों में 29,281 सरकारी स्कूल बंद हो गये।
वर्ष 2015-16 में मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों में 1,03,60,550 विद्यार्थी एनरोल थे। ये आंकड़ा वर्ष 2021-22 में घटकर 94,29,734 रह गया। स्पष्ट है कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की एनरोलमेंट में 9,30,816 की कमी आई है।
वर्ष 2015-16 में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या 3,44,372 थी जो वर्ष 2021-22 में घटकर 3,03,935 रह गई। यानी 40,437 शिक्षकों की कमी हुई है।
इस प्रकार हम देख सकते हैं कि पिछले पांच सालों में सरकारी स्कूलों की संख्या, विद्यार्थियों के एनरोलमेंट और शिक्षकों की संख्या में भारी कमी हुई है। आंकड़े बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के मामले में फेल साबित हुई है।
एमपी एजुकेशन पोर्टल के रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की ढाई हजार से ज्यादा स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है. क्योंकि मनचाहे स्कूलों में ट्रांसफर की वजह से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल खाली जबकि शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में सरप्लस शिक्षको की भरमार हो गई है. तो वहीं सिंगरौली जिले की बात करें तो यहां करीब 266 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है.CM Shivraj