सिंगरौली : नगर पालिका निगम सिंगरौली में टॉप टू बॉटम अधिकारियों को 30% कमीशन देने के बाद ही भुगतान होता है। ऐसे में निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की उम्मीद करना ही बेइमानी होगी। भ्रष्टाचार मामलों के दो बार आरोपित रहे चर्चित कार्यपालन यंत्री व्हीबी उपाध्याय शायद रिटायर होने के पहले निर्माण कार्यों में कमीशन की एक नई इमारत लिखने की तैयारी में हैं। यह बात हम नहीं बल्कि हर ठेकेदार कह रहा है।
बता दें कि कार्यपालन यंत्री व्हीबी उपाध्याय भ्रष्टाचार करने के आरोप दो बार साबित हो चुके हैं। पहली बार माजन मोड़ से लेकर इंदिरा चौक तक करीब 4 करोड़ से बने सड़क डामरीकरण में जबकि दूसरी बार शिवाजी कांप्लेक्स पाइपलाइन में 38 लाख के घोटाले में जांच टीम ने दोषी पाया है। हालांकि अभी तक उन पर ना तो वसूली और ना ही निलंबन की कार्यवाही हुई हैं। अब वह 31 मार्च 2025 को रिटायर्ड होने वाले हैं ऐसे में चर्चा है कि वह नगर निगम में कामों की गुणवत्ता में कम और अपने कमिशन को लेकर ज्यादा काम कर रहे हैं।
बताने की विष्णु भास्कर उपाध्याय करीब दो दशक से अधिक समय से सिंगरौली नगर पालिक निगम में ही कार्यरत है। ऐसे में उन्होंने अपने साथ ठेकेदारों की एक बड़ी फौज तैयार कर ली हैं। सूत्रों की माने तो ठेकेदारों की यह फौज कार्यपालन यांत्रिक के हिसाब से काम करती है और जिन ठेकेदारों को परेशान करना होता है तो उनके खिलाफ विधायक सांसद मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत करवाते हैं ताकि उनके चहेते ठेकेदारों को दूसरे कामों में टेंडर को मैनेज करा सकें।
कार्यपालन यंत्री के ऊपर जिस तरह से निर्माण कार्यों में घोटाले के आरोप लग रहे हैं ऐसे में अब चर्चा है कि रिटायर होने के पहले अपने परिवार के लिए अकूत संपत्ति बनाना चाहते हैं। सूत्रों की मानें तो श्री उपाध्याय नगर निगम में होने वाले निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ काम कराने के बजाय अपने और अपने परिवार के लिए रुपया कमाने में मशगूल हैं। नगर निगम में गुणवत्ता विहीन काम हो रहे हैं। ठेकेदारों का कहना है कि काम कितना भी अच्छा करो लेकिन कमिश्नर 30% देना ही होगा। नहीं तो बिल पास होने में सालों लग जाएंगे।