Singrauli News सिंगरौली। मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव अब अपने शबाब पर पहुंच गया है। प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह अवंटित हो गये हैं 17 नवंबर को मतदान होना है। पूरे प्रदेश में जहां भाजपा को एंटी इंकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है वहीं सिंगरौली जिला भी इससे अछूता नहीं दिखायी देता। सिंगरौली जिले में जिस तरह पहले कांग्रेस पार्टी अपनी गुटबाजी के लिए प्रसिद्ध थी आज वहीं स्थिति भाजपा में देखने को मिल रही है। जिले का संगठन चलाने वाले भाजपा का नेतृत्व भाजपा के बागियों को मनाने में नाकाम साबित हो रहा है।
चर्चा है कि सिंगरौली भाजपा के आधें पदाधिकारी दूसरी पार्टियों के प्रचार में जुट गये हैं तो वहीं जमीनी कार्यकर्ताओं को तवज्जों न मिलने से नाराज बताये जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो जिले के भाजपा के प्रति समर्पित कार्यकर्ता चाहे वह युवा वर्ग के हो या वरिष्ठ कार्यकर्ता सामने से भले ही पार्टी का साथ दे रहे हैं लेकिन दबी जुबान में वह भी दूसरी पार्टियों का समर्थन करते नजर आते हैं। इधर चर्चा है की भाजपा सिंगरौली संगठन की बागडोर जिसके हाथ मे सौपी गई है वह भी आजकल दूसरे के इशारे पर चल रहे है। जिसके चलते एक वर्ग काफी नाराज दिखाई दे रहा है। साथ ही कार्यकर्ताओ को तहरीज नही दी जा रही है। यही वजह है की पदाधिकारी व कार्यकर्ता काफी नाराज है और इस बार हो रहे विधान सभा चुनाव मे भले ही भाजपा के साथ चल रहे है लेकिन प्रचार किसी अन्य दल का करते हुए दिखाई दे रहे है। वही यह भी चर्चा है की भाजपा का युवा मोर्चा तो युवाओ को जोड़ने मे पूरी तरीके से फेल नजर आ रहा है। यही स्थिति रही तो भाजपा की डगर कठिन है। Singrauli News
चुनाव में दिख रही निष्क्रियता
भाजपा सिंगरौली के संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों की उदासीनत के चलते भाजपा के कई प्रकोष्ठों के पदाधिकारी नाराज बताये जा रहे हैं। जिन प्रकोष्ठों के दम पर भाजपा जीत का दावा करती है। वह आज भाजपा के जिला नेतृत्व के कार्यप्रणाली से खाशे नाराज बताये जा रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के कई प्रकोष्ठों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता नजर नहीं आ रहे है। जिसका खामियाजा सिंगरौली विधानसभा के चुनाव में भाजपा को देखने को मिल सकता है और पार्टी के बीच काफी खिचतान मची हुई है। Singrauli News
भाजपा के गढ़ मे अन्य दलों की दिख रही हनक
सिंगरौली विधान सभा के कुछ ऐसे गांव के भाजपा कार्यकर्ता व वोटर है जो भाजपा के लिए समर्पित बताये जा रहे थे। वह आज भाजपा से दूरी बना रहे हैं। जिले के नौगढ़, हर्दी, कुशमहरा, पचौर, धतुरा, हर्रई, तेलगवां, जुवाड़ी, उर्ती, गोभा, चरगोड़ा, मकरोहर, ढेंकी, दसौती, कचनी, जयंत झूग्गी इलाका, तेलाई, हिर्रवाह, गहिलगढ़, पड़री,तियरा आदि इलाकों के भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से वहां का वोटर भाजपा से दूरी बनाते हुए दिखाई दे रहे है। बताया जाता है कि इन क्षेत्रों के कार्यकर्ताओ कि कही न कही उपेक्षा हुई है। यही वजह मानी जा रही है।
भाजपा कई मोर्चा पर दिख रही विफल
वर्तमान में भाजपा सहित सभी पार्टियों द्वारा जोर शोर से प्रचार प्रसार किया जा रहा है लेकिन भाजपा का चाहे युवा मोर्चा हो या किसान मोर्चा वह पूरी तरह से निष्कृय दिखायी दे रहा है। व्यापारी वर्ग से आने वाले जिलाध्यक्ष द्वारा सामंजस्य न बैठा पाने के कारण व सामान्य सीट से ओबीसी उम्मीदवार को अपना चेहरा बनाये जाने से व्यापारी वर्ग खासा नाराज बताया जा रहा है। जिस कारण भाजपा के कई प्रकोष्ठों ने पार्टी से दूरी बना ली है। अब यह देखना है कि भाजपा रूठे हुए पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओ को कैसे मनाती है। इस बात कि चर्चा इन दिनो शहर से लेकर गावों तक देखने व सुनने को मिल रही है।