Diesel Mafiya : सिंगरौली 16 फरवरी। एनसीएल परियोजनाओं के ओबी कंपनियों में डीजल खपाने के लिए खुली छूट मिली है। कलिंगा, रामकृपाल एवं सिकल समेत आधा दर्जन ओबी कंपनियां बेधड़क यूपी से डीजल खरीद कर म.प्र. सरकार को हर महीने कराड़ों रूपये के राजस्व कर में चूना लगा रही हैं और इस मामले में जीएसटी , सेलटैक्स पुलिस भी मौन हैं।
एनसीएल परियोजना निगाही, अमलोरी,जयंत, दुद्धीचुआ, झिंगुरदाह के ओबी कंपनियां प्रदेश के डॅा. मोहन यादव के सरकार को ओबी कंपनी,कलिंगा, रामकृपाल, सिकल सहित कई ऐसी ओबी कंपनियां महीने में करोड़ो रूपये के आर्थिक क्षति पहुंचा रही हैं। यहां बताते चले की यूपी से डीजल खरीद कर ओबी कंपनियों में खपा रहे हैं। यूपी में डीजल एमपी के तुलना में तकरीबन 3 से 4 रूपये प्रति लीटर सस्ता मिलता है। इसी के फेर में ओबी कंपनियां यूपी से डीजल खरीद कर जम कर घाल-मेल कर रही हैं। वही आरोप है कि यूपी से डीजल ओबी कंपनियों में खपाने की जानकारी से जीएसटी टीम, सेलटैक्स, पुलिस एवं आरटीओ को भली भांति हैं लेकिन कुछ सब जानते हुए भी ओबी कंपनियों पर शिकंजा कसने एवं कानूनी तौर पर यूपी से डीजल खरीद कर एमपी में खपाने से रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिख रहे। ऐसे में ओबी कार्यप्रणाली प्रश्न चिन्ह खड़ा किया जा रहा है। वही जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी भी कई तरह के अटकले लगाई जा रही हैं। Diesel Mafiya
नवीन और विवेक पर लग रहे गंभीर आरोप !
चर्चा है कि कलिंगा कंपनी में कार्यरत नवीन और विवेक न केवल स्थानीय लोगों के रोजगार में घाल मेल कर रहे हैं बल्कि डीजल का खेल भी इन्हीं के जिम्में है। सूत्रों का दावा है कि कलिंगा ओबी कंपनी प्रतिदिन उत्तर प्रदेश और गुजरात से एक लाख लीटर प्रतिदिन डीजल की खरीदी कर रही है। हालांकि गुजरात से बायोडीजल मंगाया जाता है जो की डीजल के मुकाबले 30 से 40 रूपए सस्ता पड़ता है। Diesel Mafiya