Diesel scam सिंगरौली : मध्य प्रदेश की सीमा में एनसीएल की 5 खदानें खदानें संचालित है.अमलोरी निगाही, जयंत,दुद्धीचुआ और झिगुरदह परियोजना में ओबी ( ओवर वार्डन मिट्टी) उत्खनन का काम करने वाली कंपनियां मध्य प्रदेश से पेट्रोल ना खरीद कर खदानों से बा मुश्किल 5 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के पेट्रोल पंपों से डीजल खरीद रहे हैं। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में स्थित शिवा फीलिंग,दुर्गा फिलिंग स्टेशन और बीकेएस फ्यूल पंप में जहां पेट्रोल की बिक्री बढ़ गई है वहीं सिंगरौली जिले के मोरवा और गोरवी क्षेत्र में मौजूद पेट्रोल पंप बंद होने की कगार में है। सूत्रों का दावा है कि एनसीएल में ओबी का काम कर रही कंपनियां पिछले 1 साल में प्रदेश सरकार को पिछले 1 साल में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगा चुकी है।
बता दे की मध्य प्रदेश में उत्तर प्रदेश के मुकाबले डीजल का रेट तीन से चार रुपए महंगा है। लिहाजा मध्य प्रदेश में काम करने वाले बड़े ठेकेदार काम तो मध्य प्रदेश में करते हैं लेकिन डीजल उत्तर प्रदेश से खरीदते हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार को डीजल पर मिलने वाला 23% वैट, 3 रु. ड्यूटी, 1% सेस के तौर पर नुकसान हो रहा है। सिंगरौली में एनसीएल की पांच खदानें खदानें हैं। जहां आंकड़ों की बात करें तो प्रति खदान में 40 हजार लीटर डीजल प्रतिदिन की खपत होती है। ऐसे में पांच खदानों में प्रतिदिन के हिसाब से करीब 2 लाख लीटर डीजल की खपत है। यदि एनसीएल में संचालित खदानों में स्थानीय पेट्रोल पंप में डीजल की खरीदी हो तो राज्य सरकार को प्रतिदिन करोड़ों रुपए का राजस्व मिलेगा और सरकार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। लेकिन एनसीएल के अधिकारी, ओवर वार्डन का काम कर रही कंपनियां, स्थानीय पुलिस और कई सफेद पोस डीजल के इस खेल में शामिल है। सभी डीजल के इस अवैध कारोबार में मुनाफा कमा रहे हैं और राज्य सरकार को चूना लगा रहे हैं। हालांकि दावा यह भी किया जाता है की डीजल के इस खेल को रोकने के लिए आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एजेंसी ही रोक सकती है। Diesel scam
शिवा,दुर्गा और बीकेएस फ्यूल पंप की चमक गई किस्मत
सूत्रों का दावा है कि जहां एक तरफ सिंगरौली जिले के मोरवा और गोरवी क्षेत्र के पेट्रोल पंप डीजल बिक्री न होने के चलते बंद होने के कगार में है तो वही मध्य प्रदेश से लगे उत्तर प्रदेश में संचालित शिवा फीलिंग,दुर्गा फिलिंग स्टेशन और बीकेएस फ्यूल पंप में डीजल बिक्री के मामले में आए दिन रिकॉर्ड बना रहे हैं। जिले में आम लोगों को सहित एनसीएल खदानों में कार्यरत ओबी कंपनीयां सिंगरौली में डीजल ना खरीद कर यूपी के पेट्रोल पंपों से डीजल की खरीदी कर रहे हैं ऐसे में मोहन सरकार को पिछले 1 साल में कई हजार करोड रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। Diesel scam
डीजल के खेल में ईओडब्ल्यू कस सकता है शिकंजा
सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश में संचालित सीसीएल की पांच खदानों में प्रतिदिन 2 लाख लीटर से ज्यादा डीजल की खपत होती है। डीजल के इस खेल में करोड़ों रुपए का वारा न्यारा होता है। यह खेल डीजल माफिया, एनसीएल अधिकारी ओवी वर्डन ठेकेदार, स्थानीय पुलिस और कई सफेदपोश प्रतिदिन लाखों में कमाई करते हैं। हालांकि डीजल के इस खेल में मध्य प्रदेश सरकार को कई करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होता है। डीजल के खेल को यदि रोकना ही है तो स्थानीय स्तर पर नहीं बल्कि ईओडब्ल्यू एजेंसी ही इन अपराधियों पर शिकंजा कस सकता है। Diesel scam