सिंगरौली : जिले में कई जगहों पर कबाडिय़ों का अवैध कारोबार चल रहा है। पुलिस इन कबाडिय़ों के दुकानों की जांच व कार्रवाई करने गंभीरता नहीं दिखा रही है। चर्चा है कि पुलिस के संरक्षण में चल रहे दुकान से कबाड़ी चोरी का सामान खरीद अवैध कमाई कर मालामाल हो रहे हैं। वहीं कबाड़ी से पैसे वसूलने का जिम्मा कोतवाली में पदस्थ रंगा बिल्ला को दिया गया है।
गौरतलब है कि कोतवाली क्षेत्र के बलियरी, ताली, माजन मोड़, तेलाई, खुटार, हर्दी, सेमरिया में कबाड़ की दुकान संचालित हो रहा है। इन दुकानों में चोरी के सामान सहित अन्य संदिग्ध सामानों को आसानी से खरीदी बिक्री होने की लगातार जानकारी सामने आती है, लेकिन पुलिस के पास इन दुकानों की जांच करने फुर्सत नहीं है। चर्चा है कि अधिकांश कबाड़ी दुकान पुलिस के संरक्षण में चल रहा है। जबकि पिछले दिनों चोरी का सामान कबाड़ियों के गोदाम से बरामद हुआ था और चोरी का मास्टरमाइंड भी कबाड़ी ही था। बावजूद इसके कोतवाली पुलिस कबाड़ियों के गोदाम में जांच करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाना कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
शहर में अब तक करोड़ों रुपए से ज्यादा की चोरी की घटना है हो चुकी है। सूत्रों की माने तो कोतवाली थाना प्रभारी के रंगा बिल्ला नाम से मशहूर दो अइयार कबाड़ियों से करीब 10 लाख रुपए से ज्यादा महीना सुविधा शुल्क वसूल रहें हैं। शायद यही वजह है कि पुलिस कबाड़ियों के गोदाम तक नहीं पहुंच पा रही है।
चोरी के सामानों की होती है खरीदी
कबाड़ के व्यवसाय में पुलिस और प्रशासन का कोई रोकटोक नहीं है। मजेदार बात यह कि कोतवाली क्षेत्र में आधा दर्जन से भी अधिक कबाड़ के व्यवसायी हैं। जो बेरोक टोक बेखौफ कारोबार कर रहे हैं। इन पर किसी का नियंत्रण नहीं होने से कबाड़ी बिना सत्यापन के साइकिल, मोटरसाइकिल, ट्रक ट्रैक्टर, कूलर, फ्रिज, मकानों के निर्माण सामग्री एवं अन्य चोरियों के सामान को बेधड़क खरीद रहे हैं और बेच रहे हैं। शहर में दिन-दहाड़े सार्वजनिक स्थानों से साइकिल और बाइक चोरी की घटना होती है।
साइकिल चोरी की नहीं लिखते रिपोर्ट
कोतवाली में साइकिल चोरी के कम मामले ही दर्ज किए जाते हैं। दरअसल साइकिल चोरी होने पर अमूमन लोग थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते, क्योंकि पुलिस इसे छोटा मामला बताकर फरियादी को चोर पकड़ने का भरोसा देखकर वापस भेज देते हैं। वहीं बाइक चोरी की रिपोर्ट तो लिखी जाती है, लेकिन अक्सर ये वापस नहीं मिलते। इसका कारण यह है कि चोरी की साइकिल और बाइक के कलपुर्जे को अलग-अलग कर कबाड़ में बेच दिया जाता है। इसके अलावा इस धंधे में लोहे के सामान घरेलू उपयोग के सामान सहित कई कीमती सामान पानी के भाव कबाड़ी अपने दलालों के जरिए खरीद कर करोड़ोंं कमाते हैं। और कमाई का एक हिस्सा पुलिस को इमानदारी से पहुंचा देते हैं।