Indore news:आपका हर एक अंग बहुमूल्य है यह किसी की जिंदगी बचा सकता है लेकिन उस सिलसिले में खौफ की वजह से पुण्य काम करने को आगे नहीं आते दिमागी रूप से मृत आलू प्याज व्यवसाय ने अपना लीवर और किडनी डोनेट का मिसाल पेश की है.
Indore news:इंदौर -आपका अनमोल अंग जिंदगी से मायूस लोगों को जीने का सहारा बन सकता है ब्रेन डेड 34 वर्ष आलू प्याज व्यवसाय ने अपना अंग दान कर मिसाल पेश की है उसकी वजह से 3 लोगों को नया जीवनदान मिला है हालांकि अंगदान से संबंधित भारतीय लोगों के जेहन में अभी भी डर है. रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 5 लाख भारतीय मुनासिब डोनर नहीं मिलने से अंग प्रत्यारोपण के इंतजार में सांसे रुक जाती हैं. उज्जैन में पिछले दिनों आलू प्याज व्यवसाय की सड़क हादसे के बाद दिमाग की रुप से मृत हो गए जिसके बाद शख्स का की किडनी और लीवर को एक सैनिक सहित 3 लोगों के शरीर का हिस्सा बनी.
बता दें कि इंदौर में एडमिट उज्जैन के एक आलू-प्याज बिजनेसमैन की ब्रेन डेथ के बाद परिजन ने उनका दिल, लिवर व दोनों किडनियां डोनेट करने की सहमति दी हैं. परिजन ब्रेन डेड शख्स का लीवर औरंग डोनेट करने को तैयार हो गए तो सहमति मिलने पर दिल सहित दोनों किडनी को 3 लोग में प्रत्यारोपित करने की कवायद तेज हो गई. सोमवार को तीन कॉरीडोर बनाकर दिल को सुबह 9.30 प्लेन से पुणे पहुंचाया गया जो वहां अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे भारतीय सैनिक को ट्रांसप्लांट होगा। वहीं लिवर विशेष ज्युपिटर हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट को, एक किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल में तथा दूसरी कि़डनी चोइथराम में एडमिट पेशेंट को ट्रांसप्लांट की जा रही है। यह शहर में 48वां ग्रीन कॉरिडोर बना था.
दरअसल मामला शुभल पैलेस उज्जैन निवासी आलू-प्याज व्यवसायी प्रदीप आसवानी (34) का है। उनका 20 जनवरी की रात को सड़क एक्सीडेंट हो गया था। इस पर उन्हें इलाज के लिए संजीवन हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। हालत गंभीर होते देख परिजनों ने विशेष ज्युपिटर हॉस्पिटल इंदौर में एडमिट किया गया था। शनिवार को न्यूरो सर्जन डॉ. बसंत डाकवाले द्वारा परिवार को उनकी संभावित ब्रेन डेथ जानकारी दी गई। इसके साथ ही शनिवार व रविवार को डॉक्टरों की टीम ने उनका दो बारा परीक्षण कर ब्रेन डेथ घोषित किया। इस पर मुस्कान ग्रुप से सेवादार जीतू बगानी व संदीपन आर्य ने आसवानी परिवार से संपर्क कर उनसे अंगदान को लेकर काउंसलिंग की तो परिजनों ने अपनी सहमति दे दी.Indore news
मां, भाई व बहन ने कहा कि दूसरों को नया जीवन देने से बढ़कर कुछ नहीं
मामले में मां कविता, छोटे भाई चिराग व बहन वाणी रतनानी ने सहमति दी और कहा कि अगर उनके अंगों से किसी और को नया जीवन मिलता है तो उससे बढ़कर कुछ और नहीं हो सकता. मुस्कान ग्रुप सेवादार जीतू भगवानी ने डॉक्टरों से मिलकर ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट की तैयारियां की गई। सोमवार सुबह एक ग्रीन कॉरिडोर विशेष जुपिटर हॉस्पिटल से एयरपोर्ट, वहीं दूसरा चोइथराम हॉस्पिटल के लिए जबकि तीसरा बॉम्बे हॉस्पिटल के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. जानकारी लगते ही रविवार की रात को पुणे से स्पेशल प्लेन से भारतीय सेना के AICTC हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन कर्नल. डॉ. सौरभ सिंह सहित 8 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम इंदौर पहुंची। सोमवार को तीनों कॉरिडोर के लिए ट्रैफिक पुलिस, सीआईएसएफ एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी से समन्वय कर ऑर्गन्स पहुंचाए गए जहां ट्रांसप्लांट की प्रोसेस शुरू हो गई।
इनकी रही खास भूमिका
मामले में कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में ग्रीन कॉरिडोर व अंगदान की प्रक्रिया प्लान की तैयारी की गई । इसमें ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी महेशचंद जैन, अरविंद तिवारी के साथ ट्रैफिक के जवानों ने ग्रीन कॉरिडोर पर कोई रुकावट ना आए इसके लिए कुछ ही घंटों में तैयारी कर ली. जिससे रास्ते में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। विशेष जुपिटर हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सीएस पंडित, सीनियर इंटेंसिविस्ट डॉ. भाविक शाह, जनरल मैनेजर मैनेजर डॉ. तुषार पाटिल, मुंबई हॉस्पिटल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ, अमित जोशी व ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर दीपा सिंह व टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अंगों के डोनेट का काम एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित, नोडल ऑफिसर डॉ. मनीष पुरोहित, शुभम वर्मा एवं निधि शर्मा द्वारा पूरा किया गया। अंगदान के दौरान सांसद लालवानी ने डीन डॉ. संजय दीक्षित तथा आसवानी परिवार से मुलाकात कर व्यवस्था को मजबूती दी गई। इसके साथ ही मुस्कान ग्रुप के सेवादार मोनीषा बगानी, लकी खत्री ने समन्वय बनाया।