Singaji Tap Pariyojana : खंडवा – सिंगाजी तापीय परियोजना के राखड़ डैम ने ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर रखा है.एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कंपनी राखड़ डैम में राख डंप कर रही है. व्यापक इंतजाम तो दूर राख में पानी का छिड़काव तक नहीं हो रहा है. जिससे जहरीला राख उड़कर आसमान में बादल का रूप ले रहे हैं. हालात यह हैं कि ग्रामीण गर्मी के मौसम में आंगन में ना तो खाना बना पाते और ना ही सो सकते।
बता दें कि संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना से उड़ने वाली राख (एश) श्रमिको सहित आसपास के 5-6 गांवों के लोगों के लिए मुसीबत की वजह बनी हुई है। गर्मी के दिनों में यह परेशानी बढ़ गई है। नवतपा में चल रही आंधी-तूफान में तेज हवा के साथ राखड़ बांध से राख उड़ के कई किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गई। इससे खेतों में फसलों के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। क्षेत्र के लोग श्वास की बीमारी और चर्म रोग के शिकार हो रहे हैं। जबकि किसानों की फसलों और पेड़ों में भी रख की परत चढ़ जाने से काफी नुकसान हो रहा है। प्रभावित ग्रामीणों की शिकायत पर परियोजना प्रबंधन व जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं देने और हर साल गर्मी के सीजन में होने वाली परेशानी से लोग हताश हो चुके है। Khandwa news
फेस वन और फेस टू की फ्लाई एश बनी जान की दुश्मन
म.प्र पावर जनरेटिंग कंपनी के फेस वन और फेस टू की फ्लाई एश जान की दुश्मन बन रही हैं। ताप परियोजना के राखड़ को उड़ने से रोकने और इसे खपाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों से इस समस्या का स्थायी हल नहीं हो रहा है। सूत्रों की मानें तो हर साल करीब 4 करोड़ रुपए राखड़ को उड़ने से रोकने पर खर्च किए जाते हैं। इसके लिए बाकायदा टेंडर कर राखड़ बांध से राख को उड़ने से रोकने के लिए लगातार पानी का छिड़काव और मिट्टी- मुरम बिछवाई जाती है। पूर्व में यहां पौधे व घास भी लगवाई गई लेकिन हालातों में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है। इतना ही यहां संचालित चार यूनिटों से बिजली उत्पादन के दौरान निकलने वाली कोयले की राख के निपटान के लिए पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा हाईवे निर्माण में इसका भराव करवाया जा रहा। इसके लिए राख निशुल्क देने के अलावा अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। इसके चलते इंदौर एदलाबाद हाईवे निर्माण में प्रतिदिन 100 से 150 डंपर रखड़ यहां से भेजी जा रही है। Khandwa news
बीमार हो रहें ग्रामीण
मध्य प्रदेश राज्य में खंडवा जिले के मुंदी के पास डोंगलिया गांव में स्थित एमपीपीजीसीएल का कोयला आधारित बिजली संयंत्र है। यह परियोजना एमपीपीजीसीएल के स्वामित्व में है। परियोजना हेतु आवश्यक जल, नर्मदा नदी पर इंदिरा सागर जलाशय से लिया जाता है। गर्मी में थर्मल पावर के फेस वन और फेस टू से निकलने वाली फ्लाई एश, लोगों के जान की दुश्मन बनी हुई है। खंडवा जिले के दो गलियां गांव में स्थित सिंगाजी ताप परियोजना से उड़ रही राख ने छह गांव के लोगों का जीना दूभर कर दिया है। कई लोग त्वचा सहित अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हो गए हैं। वही खेतों में हजारों एकड़ फसल भी बर्बाद हो गई है। लगातार राखड़ श्वास के जरिये फेफड़ों में जाने से रहवासी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर बीमारी से पीड़ित होकर मौत के मुहाने तक भी पहुंच गए हैं। Khandwa news