Loot in Singrauli liquor shop बैढन में संचालित प्रिंस इंटरप्राइजेज (Prince Enterprises)_ के नाम से संचालित शराब दुकान पर एमआरपी से ज्यादा दामों पर शराब बेची जा रही है और यह सब खेल परिक्षेत्र की आबकारी प्रभारी नीलमा मार्को (Excise Incharge Neelma Marko) के देखरेख में चल रहा है. यहां संचालित सभी मदिरा (wine) उचित मूल्य की दुकानों पर एमआरपी (MRP) से अधिक दामों पर खुलेआम शराब (Liquor)बेची जा रही है.
आबकारी नियमों (excise rules)को दरकिनार कर पैसों की लालच में वैढन (liquor counter) आबकारी प्रभारी नीलम मार्को (in charge sapphire marco) ठेकेदारों से सांठगांठ कर आबकारी नियमों की धज्जियां (scraps) उड़ा रही है. किसी भी दुकान में ना तो रेस्ट लिस्ट लगी है ना ही कोई सुरक्षा के इंतजाम है यहां तक कि शासन द्वारा प्रतिबंधित (Restricted) पोस्टरों को दुकानों में जमकर सजाया गया है शासन का स्पष्ट आदेश है. कि किसी भी मदिरा दुकान में किसी भी ब्रांड की पोस्टर या बैनर नहीं लगनी चाहिए किंतु इसके विपरीत दुकानों में सुरक्षा इंतजाम की जगह पोस्टर व बैनर लगे हैं शासन के नियमों की खुलेआम धज्जियां (scraps) उड़ाई जा रही हैं.Loot in Singrauli liquor shop
सिंगरौली जिले (Singrauli District) में संचालित शराब दुकानों में ठेकेदारों द्वारा मनमानी कीमतो पर शराब (liquor) बेची जा रही है ठेकेदारो द्वारा निर्धारित कीमत से ₹30 से लेकर ₹100 (₹30 to ₹100) तक से अधिक दामों पर शराब बेची जा रही है। यह कोई एक दुकान का हाल नहीं है सिंगरौली जिले (Singrauli District) में संचालित लगभग सभी दुकाने आबकारी विभाग की जगह ठेकेदारों के हिसाब से ही चल रही है चाहे इसको आबकारी विभाग की दया दृष्टि कहें या कुछ और किंतु सत्यता यही है कि सिंगरौली जिले की आबकारी ठेकेदारों से मोटी रकम लेकर उनको मनमानी करने की छूट दे रखी है.Loot in Singrauli liquor shop
शराब ठेकेदारों (wine contractors) के द्वारा आम जनता की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है उनके द्वारा अधिक पैसे की लालच में एक्सपायरी बियर को भी अधाधुंध दुकानों से सेल कराया जा रहा है और यह सब तमासा आबकारी (Tamasa AbkariAbkari) विभाग मूकदर्शक बनकर देख रहा है। जिले में शराब दुकानों का अवैध रूप से संचालन आबकारी विभाग व ठेकेदारो की मिलीभगत से बेरोक-टोक अनवरत जारी हैआबकारी विभाग तनख्वाह तो शासन की लेता है किंतु चाकरी शराब ठेकेदारों की करता है आबकारी विभाग के जितने भी बीटप्रभारी हैं
सभी प्रभारी (all in charge) अपने अपने क्षेत्र की दुकानों से महीने में प्रति दुकान लाखों रुपए की वसूली करते हैं यह बंदरबांट बेरोकटोक (Bandarbant Beroktok) अनवरत जारी है जिसकी वजह से शराब ठेकेदार आबकारी विभाग को अपने सुविधा मुताबिक इस्तेमाल करता है।Loot in Singrauli liquor shopशराब ठेकेदारों (wine contractors) के द्वारा आम जनता की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है उनके द्वारा अधिक पैसे की लालच में एक्सपायरी बियर को भी अधाधुंध दुकानों से सेल कराया जा रहा है और यह सब तमासा आबकारी (Tamasa AbkariAbkari) विभाग मूकदर्शक बनकर देख रहा है। जिले में शराब दुकानों का अवैध रूप से संचालन आबकारी विभाग व ठेकेदारो की मिलीभगत से बेरोक-टोक अनवरत जारी है
आबकारी विभाग तनख्वाह तो शासन की लेता है किंतु चाकरी शराब ठेकेदारों की करता है आबकारी विभाग के जितने भी बीटप्रभारी हैं सभी प्रभारी (all in charge) अपने अपने क्षेत्र की दुकानों से महीने में प्रति दुकान लाखों रुपए की वसूली करते हैं यह बंदरबांट बेरोकटोक (Bandarbant Beroktok) अनवरत जारी है जिसकी वजह से शराब ठेकेदार आबकारी विभाग को अपने सुविधा मुताबिक इस्तेमाल करता है।
शासन का सख्त आदेश है कि सभी शराब ठेकेदार (liquor contractor) अपनी-अपनी दुकानों में बेची जा रही शराब की रेत सूची व सभी ग्राहकों (customers) को रसीद दे जिसमें खरीदी गई शराब का नाम शराब की कीमत अंकित हो किंतु ठेकेदार आबकारी विभाग की मदद से प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं बिल मात्र कोरमपूर्ति के लिए उपयोग किया जा रही है। शराब ठेकेदारों (wine contractors) द्वारा शासन के नियमों को ताक में रखकर काम किया जा रहा है व आबकारी विभाग (Excise Department) की मिलीभगत के कारण ठेकेदार एक्सपायरी शराब भी बेरोकटोक दुकानों (unbridled stores) से बिकवा रहे हैं.Loot in Singrauli liquor shop
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंगरौली जिले (Singrauli District)
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंगरौली जिले (Singrauli District) के आबकारी विभाग के ही कुछ कर्मचारी गुप्त रूप से संचालित शराब दुकानों के पार्टनर बने बैठे हुए हैं मुखौटा तो उनका आबकारी विभाग का है किंतु हकीकत कुछ और है हाल ही में बैढन के माजन मोड में संचालित शराब दुकान पर (liquor contractor )का मामला सामने आया था जिसमें आबकारी विभाग के भी एक गुर्गे का नाम उछला था किंतु पैसों के दम पर मामले (liquor contractor) को रफा-दफा कर दिया जाता है.Loot in Singrauli liquor shop
के आबकारी विभाग के ही कुछ कर्मचारी गुप्त रूप से संचालित शराब दुकानों के पार्टनर बने बैठे हुए हैं मुखौटा तो उनका आबकारी विभाग का है किंतु हकीकत कुछ और है हाल ही में बैढन के माजन मोड में संचालित शराब दुकान पर (liquor contractor )का मामला सामने आया था जिसमें आबकारी विभाग के भी एक गुर्गे का नाम उछला था किंतु पैसों के दम पर मामले (liquor contractor) को रफा-दफा कर दिया जाता है.Loot in Singrauli liquor shop
खुलेआम खेला जा रहा शराब पैकारी का खेल वैढन (liquor counter न के हर गली कूचे मोहल्लों में शराब की अवैध बेकारी कराई जा रही है शराब दुकानों से जितनी शराब काउंटर (liquor counter) से बेची जाती है उससे कहीं ज्यादा शराब अवैध रूप से जगह-जगह पहुंचा कर बिकवाई जाती है और यह सब के खेल पुलिस वा आबकारी की मिलीभगत (collusion) से होता है जिसके एवज में पुलिस व आबकारी को लाखों रुपए (millions of rupees) का पैकेट हर महीने पहुंचता है जिससे ठेकेदार निर्भीक (contractor fearless) होकर जगह जगह शराब की प्रकारी कराते हैं वह पुलिस व आबकारी आंख और कान बंद करके यह सब तमाशा देखती है.Loot in Singrauli liquor shop