MP Shahdol Girl Burnt : दुनिया चाँद में जीवन तलाश रहा हैं विज्ञान आये दिन नई खोज कर जीवन को आसान बनाने के लिए नई चीजे बना रहा है लेकिन विन्ध्य जिले में आज भी कई कुप्रथाये ऐसी शुरू हैं जिसके सुनने मात्र से रूह काप जाये लेकिन यहाँ आज भी चलाई जा रही हैं. यें कुप्रथाये सरकार के दावें, राजनेताओ के वादों और स्वयम सेवी संस्थाओ के गाल में किसी तमाचे से कम नहीं हैं.
MP Shahdol Girl Burnt : विन्ध्य में कुपोषित बच्ची को 51 बार गर्म सलाखों से दागा, अंधविश्वास के ‘दगना’ ने ली जान शहड़ोल । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विन्ध्य क्षेत्र में आज भी दगना प्रथा शुरू है. यहां आज भी बच्चों को गर्म सलाखों से क्रूरता पूर्वक दाग आ जाता है. अब शहडोल (Shahdol) में एक बार फिर कुपोषण बच्ची की मौत हो गई. बच्ची को गर्म सलाखों से आधा सैकड़ा बार दागा गया था. तबीयत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मगर, हालत ज्यादा खराब होने कारण 3 माह की बच्ची की सांसे थम गईं. आदिवासी बहुलता वाले जिले शहडोल में ‘दगना कुप्रथा’ ने बच्ची की जान ले ली.
MP Shahdol Girl Burnt : दरअसल, विन्ध्य क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य जिले शहडोल में दगना कुप्रथा (MP Shahdol Girl Burnt) आज खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला सिंहपुर के समतापुर गांव का है. जहां अंधविश्वास के फेर में बीमार दुधमुंही 3 माह की बच्ची को गर्म सलाखों से क्रूरता पूर्वक 51 बार दागा गया. इसके बाद जब बच्ची की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगे तो परिजनों ने इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया. यहां गंभीर हालत में डॉक्टरों ने बच्ची को बचाने के लिए इलाज शुरू ही किया था कि अचानक उसकी मौत हो गई. फिलहाल डॉक्टरों ने बच्ची के शव को परिजनों को सौंप दिया.
जन्म से ही कुपोषित थी बच्ची, होगा पोस्टमार्टम
बताया गया कि बच्ची जन्म के समय से कुपोषित थी. बच्ची का कुपोषण ठीक हो जाएगा यह सोच कर परिवार के लोगों ने तीन महीने की मासूम को बेरहमी के साथ 51 बार गर्म सलाखों के दगवाया था. इसके बाद बच्ची की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ गई. ये देख परिजन घबरा गए. वे उसे आनन-फानन में शहडोल मेडिकल कॉलेज ले आए.मृत्यु के बाद दफनाए गए बच्ची के शव को फिर से बाहर निकलवाया गया है. शव का पोस्टमार्टम होगा. उसके बाद फिर से शव दफनाया जाएगा.MP Shahdol Girl Burnt